रांची : झारखंड के नये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज यहां विधानसभा में कहा कि विपक्ष बाल की खाल निकाल रहा है और उसे दूसरे दलों के विधायकों को लुटेरा और बिकाउ जैसी संज्ञा से संबोधित करने का कोई अधिकार नहीं है.झारखंड विधानसभा में आज अपनी सरकार के विश्वास मत के प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि आखिर विपक्ष उनकी पार्टी और समर्थक दलों के विधायकों पर क्यों कीचड़ उछाल रहा है.
क्या उसे किसी विधायक को बिकाउ और अस्पृश्य अथवा लुटेरा कहने का हक है?हेमंत ने कहा कि ऐसा कह कर विधायक लोकतंत्र की मर्यादा भंग कर रहे हैं और उन लोगों का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने उन विधायकों को चुना है. उन्होंने कहा कि झारखंड त्रिशंकु विधानसभाओं के भंवर में फंसा हुआ है तो क्या हमें उसे इस भंवर से निकालना नहीं चाहिए.उन्होंने दावा किया कि सभी दलों के विधायकों की भावनाओं को देखते हुए ही उन्होंने यहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को एक बार फिर से प्रारंभ किया है जिसमें विपक्ष के भी सकारात्मक सहयोग की उन्होंने अपील की.
गठबंधन मजबूरी नहीं
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो टूक कहा कि वह गठबंधन की मजबूरियों के लिए ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे राज्य की जनता आहत हो अलबत्ता ऐसी स्थिति में वह इस्तीफा देना पसंद करेंगे.सोरेन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मैं राज्य की जनता के हितों से कोई समझौता नहीं करुंगा. ऐसा कोई काम नहीं करुंगा जिससे राज्य की जनता आहत हो.’’उन्होंने कहा, ‘‘कभी ऐसी स्थिति आने पर मैं जनता के हितों से समझौते की बजाय इस्तीफा देना ही पसंद करुंगा.’’सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार का पहला लक्ष्य गठबंधन में शामिल दलों के साथ मिलकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करना है जिसके आधार पर पूरी तरह पारदर्शी सरकार राज्य में चलायी जायेगी.
यह पूछे जाने पर कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार कब किया जायेगा, हेमंत ने कहा, ‘‘बहुत जल्द और बहुत संभव है कि 25 जुलाई को राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही यह कार्य कर लिया जाये.’’उन्होंने कहा कि वह सभी गठबंधन दलों के साथ मिलजुलकर ही सरकार की कार्य योजना तय करेंगे और उसी के आधार पर राज्य में विकास कार्य होंगे.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष के विचारों को भी पूरी गंभीरता से लेगी और उसे अपने विकास कार्यक्रमों में शामिल करेगी. यह पूछे जाने पर उनकी सरकार का अब क्या मुख्य लक्ष्य है, हेमंत ने कहा, ‘‘सरकार के सामने लक्ष्य बहुत बड़ा है. अनेक चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों का सामना नई सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ राज्य हित में काम करेगी और झारखंड को देश में सबसे आगे ले जाने का प्रयास करेगी.’’