रांची: लोहरदगा डीसी के तबादले को लेकर चुनाव आयोग और राज्य सरकार आमने-सामने हो गये हैं. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी पीके जाजोरिया के आदेश को सरकार ने दरकिनार कर दिया है.
आयोग द्वारा विनोद शंकर सिंह को लोहरदगा डीसी के पद से हटाने और वित्त विभाग के निदेशक (सोशल ऑडिट) राजीव रंजन को लोहरदगा का डीसी बनाने का निर्देश दिया गया था. शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी करने के लिए मुख्य सचिव को आयोग की ओर से चिट्ठी भेजी गयी थी. लेकिन आयोग का पत्र मिलने के बाद राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की.सरकार ने लोहरदगा डीसी पद के लिए तीन आइएएस अफसरों के नाम का पैनल भेजते हुए किसी एक को डीसी बनाने का आग्रह आयोग से किया है. इन तीन आइएएस अफसरों में राजीव रंजन का नाम नहीं है. राज्य सरकार ने मनीष रंजन, शिवेंद्र सिंह और फिदेलिस टोप्पो का नाम लोहरदगा डीसी बनने के लिए भेजा है.
बिना पैनल मांगे आयोग ने तय कर दिया डीसी का नाम : लोहरदगा के उपायुक्त का नाम तय करने के लिए आयोग ने राज्य सरकार से अधिकारियों का पैनल नहीं मांगा गया. राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राज्य से अधिकारियों के नाम की अनुशंसा लिये बिना तय कर दिया कि राजीव रंजन को लोहरदगा का डीसी बनाया जायेगा. उन्होंने आयोग के माध्यम से इसकी अधिसूचना जारी करने का निर्देश मुख्य सचिव को भेजा. हालांकि, सामान्य तौर पर किसी अधिकारी का तबादला करने से पहले चुनाव आयोग राज्य सरकार से योग्य अधिकारियों का पैनल मांगता है. सरकार द्वारा भेजे गये तीन नामों में से किसी एक पर सहमति व्यक्त करते हुए आयोग उसे पदस्थापित करने का निर्देश देता है.
तबादले का कारण सार्वजनिक नहीं कर रहा है आयोग : राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पीके जाजोरिया लोहरदगा डीसी के तबादले का कारण सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं. यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और उनकी टीम के रांची दौरे के तुरंत बाद लोहरदगा डीसी के तबादले का आदेश आया. जबकि, आयोग ने प्रेस से बात करते हुए सभी अफसरों के काम पर संतुष्टि जाहिर की थी और यह कहा था कि अभी किसी के तबादले पर विचार नहीं किया जा रहा है. जिन अफसरों पर आरोप हैं, उनको अंडर ऑब्जर्वेशन रखा गया है.