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पनीर के 85% सैंपल मिलावटी

रांची: राजधानी के कोकर इलाके में 22 अक्तूबर को पकड़ा गया करीब दो सौ किलो पनीर सब स्टैंडर्ड निकला है. इसमें स्टॉर्च (आटा, मैदा, सूजी या अन्य) पाया गया है. वहीं इसमें फैट्स (वसा) की मात्रा भी कम है. दरअसल अपर बाजार सहित राजधानी के अन्य इलाके से इकट्ठा किये गये पनीर व खोवा के […]

रांची: राजधानी के कोकर इलाके में 22 अक्तूबर को पकड़ा गया करीब दो सौ किलो पनीर सब स्टैंडर्ड निकला है. इसमें स्टॉर्च (आटा, मैदा, सूजी या अन्य) पाया गया है. वहीं इसमें फैट्स (वसा) की मात्रा भी कम है.

दरअसल अपर बाजार सहित राजधानी के अन्य इलाके से इकट्ठा किये गये पनीर व खोवा के ज्यादातर सैंपल मिलावटी पाये गये हैं. यहां 20 अक्तूबर से दीपावली तक खोवा के तीन सैंपल लिये गये. जांच में सभी मिलावटी पाये गये.

वहीं पनीर के आठ में से सात सैंपल सब स्टैंडर्ड पाये गये. पांच नवंबर को आयी जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि रांची के 36 फूड सैंपल में से 13 जांच में फेल साबित हुए. लोक खाद्य विश्‍लेषक सह राज्य समन्वयक, खाद्य संरक्षा जेके सिंह के अनुसार अक्तूबर माह में राज्य भर से मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थो के कुल 187 सैंपल इकट्ठा किये गये थे. पांच नवंबर तक 174 की जांच नामकुम प्रयोगशाला में पूरी कर ली गयी. इनमें से 57 निम्न स्तर के (मिलावटी) पाये गये.

मिठाइयों के सैंपल भी जांच में हो गये फेल

सबसे ज्यादा मिठाई के सैंपल टेस्ट में फेल हुए. लड्ड व जलेबी को पीला करने के लिए मेटानिल येलो का इस्तेमाल करने का प्रमाण मिला है. खाद्य पदार्थो में यह रंग डालना प्रतिबंधित है. फेल सैंपल वाले प्रतिष्ठानों व लोगों के विरुद्ध खाद्य संरक्षा कानून (फूड सेफ्टी एक्ट) के प्रावधानों के तहत जुर्माने व अन्य दंड की प्रक्रिया शुरू होगी. इससे पहले भी ऐसे मामले में दोषियों पर करीब डेढ़ करोड़ रु तक का जुर्माना हो चुका है.

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