रांची : झारखंड में एंथ्रेक्स का मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. बीमारी को फैलने से रोकने व बचाव की कवायद तेज हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने देश एवं विदेश में बीमारी को नियंत्रित करने वाली संस्थाओं से सहयोग मांगा है. विभाग ने पूरे राज्य में एलर्ट घोषित कर दिया है. बीमारी की रोकथाम के लिए अटलांटा यूएस स्थित सेंटर फॉर डिजीज (सीबीसी) से सहयोग मांगने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग सोमवार को सीबीसी को पत्र लिख कर बीमारी की जानकारी देगा एवं दिशा निर्देश मांगेंगा.
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एंथ्रेक्स : अटलांटा से सहयोग मांगेगा झारखंड
रांची : झारखंड में एंथ्रेक्स का मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. बीमारी को फैलने से रोकने व बचाव की कवायद तेज हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने देश एवं विदेश में बीमारी को नियंत्रित करने वाली संस्थाओं से सहयोग मांगा है. विभाग ने पूरे राज्य में एलर्ट घोषित […]
मरे जानवरों को जलायें
स्वास्थ्य विभाग ने बानो में अकारण मरने वाले जानवरों को काटने एवं हाथ नहीं लगाने का निर्देश दिया है. मरने वाले जानवरों को जलाने के लिए कहा गया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की रोकथाम के लिए सिफ्रोफ्लोक्सासीन एवं टोक्सीसाइक्लाइन नाम की दवाएं गांव के लोगों को खिलायी है. गांव से जानवरों को अन्य गांवों में नहीं जाने का निर्देश भी जारी किया गया है.
जांच के लिए एनसीडीसी की टीम झारखंड पहुंची
रांची : सिमडेगा के बानो प्रखंड अंतर्गत कुरुचडेगा टोंगरी टोली में एंथ्रेक्स से हो रही मौत की पुष्टि होने पर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी), भारत सरकार की टीम झारखंड पहुंच गयी है. दो सदस्यीय टीम शनिवार की रात रांची पहुंची. टीम बानो जायेगी एवं बीमारी के कारणों की जांच करेगी. गौरतलब है कि बानो में 15 दिन पूर्व सात लोगों की मौत हो गयी थी. एंथ्रेक्स का संदेह होने पर रिम्स से टीम भेजी गयी थी. पीड़ित लोगों का ब्लड सैंपल लाया गया था, जिसकी जांच में एंथ्रेक्स की पुष्टि हुई थी.
पूरे गांव को दी गयी दवा
एंथ्रेक्स की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे गांव के लोगों को बीमारी से रोकथाम के लिए दवाएं दी है. बीमारी में कारगर सिफ्रोफ्लो क्सासीलीन एवं टोक्सीसाइक्लाइन नामक दवा दी गयी है. जानकारों की मानें तो यह बीमारी बैक्टीरिया से होती है. जानवर के माध्यम से यह मानव शरीर तक पहुंचता है. स्वास्थ्य विभाग ने जानवरों की अकारण मौत होने पर उसे काटने के बजाय जला देने का निर्देश दिया है.
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) को हमने पत्र लिखा था. बीमारी की जानकारी होने पर एनसीडीसी की टीम यहां आयी है. टीम अब अपने स्तर से जांच करेगी.
डॉ सुमंत मिश्र, निदेशक प्रमुख
दवा का सेवन नियमित रूप से करें
बानो (सिमडेगा) : बानो प्रखंड कुरूचडेगा टोंगरी टोली में एंथ्रेक्स बीमारी की पुष्टि होने के बाद चेन्नई की मेडिकल टीम ने रविवार को प्रभावित गांव का दौरा किया. टीम में राज्य महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण कुमार कर्ण व डॉ शाह हुसैन शामिल थे. चिकित्सकों के इस दल ने सर्वप्रथम बीडीओ सुलेमान मुंडरी से मुलाकात कर स्थिति की जानकारी ली. इसके बाद प्रभावित गांव का दौरा किया.
गांव में पीड़ित परिवारों के घर-घर जाकर जानकारी ली. स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिये गये दवा का सेवन नियमित रूप से करने का सुझाव दिया. दल में शामिल चिकित्सकों ने सावधानी बरतने की सलाह दी. साथ ही मरे हुए जानवरों को नहीं खाने को कहा. 28 अक्तूबर को राज्य से पशु चिकित्सक दल व दिल्ली की मेडिकल टीम प्रभावित गांव का दौरा करेगी. इस अवसर पर सदर अस्पताल के डॉ अध्ययन शरण भी उपस्थित थे. इधर, सदर अस्पताल में तीन मरीजों का इलाज चल रहा है. जबकि अन्य मरीजों का इलाज गांव में ही मेडिकल टीम के चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है.
2011 में भी इस प्रकार की बीमारी फैली थी
बानो प्रखंड के बांधडीपा गांव में वर्ष 2011 में भी इस प्रकार की बीमारी फैली थी. इससे तीन लोगों की मौत हुई थी. बताया जाता है कि उस बीमारी के लक्षण भी इसी तरह के थे. लोगों की शरीर में फोड़े निकलते थे. सीने व पेट में दर्द के बाद उल्टी होती थी. उस समय भी स्वास्थ्य शिविर लगा कर पीड़ितों का इलाज किया गया था. जिसके बाद स्थिति सामान्य हो गयी थी.
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