रांची: केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सोमवार को नामकुम के गढ़खटंगा में भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा : झारखंड कृषि के मामलों में सात राज्यों (पूर्वोत्तर) की राजधानी होगा. केंद्र ने इसके लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया है. राज्य सरकार से 300 से 500 एकड़ जमीन मांगी गयी है. इसमें राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा की तरह संस्थान विकसित किया जायेगा.
हर गांव में पानी : केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा : अगले पांच साल में हर गांव में पानी होगा. इसके लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना शुरू की गयी है. अगले तीन साल में सभी किसानों के पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड होगा. पांच लाख भूमिहीन किसानों का समूह बनाने की योजना है. इसके लिए आठ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. मौके पर राज्य के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने कहा : कृषि जमीन का उपयोग उद्योगों को भूमि देने के लिए नहीं होना चाहिए.
इस पर भारत सरकार को ध्यान देना चाहिए. सांसद रामटहल चौधरी ने कहा : हर खेत को पानी मिलनी चाहिए. कृषि उत्पादन उचित मूल्य पर मिलनी चाहिए. विधायक सीपी सिंह ने कहा : कृषि के विकास में झारखंड को भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए. जिला परिषद की अध्यक्ष सुंदरी तिर्की व जिला परिषद सदस्य आरती कुजूर ने नियुक्ति में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की. मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ एस अय्यपन भी मौजूद थे.
क्या होगा संस्थान में : भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान का निर्माण 287 करोड़ रुपये की लागत से होगा. इसके लिए 120 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है. सात करोड़ रुपये का आवंटन हो गया है. इस संस्थान में 70 वैज्ञानिक, 50 तकनीकी अधिकारी और 83 प्रशासनिक अधिकारी होंगे. स्थानीय लोगों को निविदा के आधार पर रखा जायेगा. यह देश का पहला संस्थान है. इसका लाभ शुरू में झारखंड के लोगों में मिलेगा. बाद में पूरा देश लाभ उठायेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा : इस संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है.