झारखंड राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद ने जारी किया विज्ञापन
रांची : झारखंड राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद ने 27 अगस्त की सुबह 10 बजे से मेडिकल की रीकाउंसलिंग करने की घोषणा की है. इससे संबंधित विज्ञापन जारी कर दिया गया है.
इसमें कहा गया है कि ऑफ लाइन होने वाली रीकाउंसलिंग के मद्देनजर पूर्व की (छह व आठ जुलाई तथा 28 जुलाई) काउंसलिंग के जरिये आवंटित एमबीबीएस की सीटें रद्द की जाती हैं. विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में कोटिवार उपलब्ध एमबीबीएस सीटों की विवरणी 26 अगस्त को वेबसाइट www.jharkhand.gov.in पर देखी जा सकती है. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने पर्षद को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों की 160 सीटें कम कर दी है.
अब रीकाउंसलिंग के जरिये ही राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल 190 सीटों पर नामांकन होगा. रिम्स की पूर्व निर्धारित 150 के बदले 90, एमजीएम जमशेदपुर की सौ के बजाय 50 तथा पीएमसीएच धनबाद की 100 के बजाय 50 सीटों पर नामांकन की अनुमति केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है.
यानी अब 350 के बदले 190 सीटों पर ही नामांकन होगा. स्वास्थ्य विभाग व पर्षद के अधिकारियों के मुताबिक बेहतर रैंक वाले विद्यार्थी नामांकन से वंचित न रह जायें, इसलिए रीकाउंसलिंग हो रही है.
उप नियंत्रक ने की त्वरित कार्रवाई
सरकार से रीकाउंसलिंग की सूचना मिलते ही पर्षद के उप परीक्षा नियंत्रक दिलीप झा ने तुरंत इसकी सहमति अपने परीक्षा नियंत्रक सजल चक्रवर्ती से ली. दिन भर के प्रयास से पूरी व्यवस्था कर शाम को रीकाउंसलिंग का विज्ञापन जारी कर दिया गया. इस बीच पर्षद की अपनी वेबसाइट ब्लॉक हो गयी. संबंधित एजेंसियों को इसे ठीक करने को कहा गया, पर यह काम नहीं हुआ. इसके बाद पुरानी वेबसाइट का सहारा लेकर सूचनाएं लोड की गयी.
बिगड़ रही विद्यार्थियों की स्थिति
भूख हड़ताल पर बैठे विद्यार्थी री-काउंसेलिंग की सूचना मिलते ही रो पड़े. उनका कहना था कि री-काउंसलिंग हुई तो उन्हें मेडिकल कॉलेज से निकाल दिया जायेगा. सरकार अगर सही में सीट को लेकर गंभीर है तो इस पर रोक लगाये. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हमारी मुलाकात कराये. भूख हड़ताल पर बैठे कई विद्यार्थियों की स्थिति बिगड़ रही है. छात्र अनुप्रिया की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है.
उसे बार-बार अस्पताल में भरती करना पड़ रहा है.
स्वास्थ्य विभाग ने नहीं ली सुध
मेडिकल विद्यार्थियों की भूख हड़ताल की सुध सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग ने नहीं ली है. स्वास्थ्य विभाग का कोई अफसर स्थल पर नहीं पहुंचा है. विद्यार्थी इससे भी दुखी है. उनका कहना है कि एक तो सरकार हमारे भविष्य को दावं पर लगा दी, दूसरी ओर सरकारी स्तर पर क्या प्रयास किया जा रहा है इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है.
राजनीतिक दलों का आश्वासन
शनिवार को झारखंड विकास मोरचा का एक प्रतिनिधिमंडल स्थल पर पहुंचा. केंद्रीय महासचिव राजीव रंजन प्रसाद ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी उनके साथ है. यह सरकार एवं एमसीआइ की लापरवाही है. सरकार को विद्यार्थियों की मदद करनी चाहिए. प्रतिनिधिमंडल में शकुंतला जायसवाल एवं केके पोद्दार मौजूद थे.