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तीन झोलाछाप पर लगाया गया 50-50 हजार रुपये का जुर्माना

रांची : रांची जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित तीन क्लिनिक के संचालकों (झोलाछाप) पर सिविल सर्जन ने कार्रवाई की है. ये तीनों क्लिनिक रातू क्षेत्र में संचालित हो रहे थे. सिविल सर्जन द्वारा गठित टीम की जांच के बाद उक्त कार्रवाई की गयी है. तीनों क्लिनिक संचालकों पर 50-50 हजार रुपये […]

रांची : रांची जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से संचालित तीन क्लिनिक के संचालकों (झोलाछाप) पर सिविल सर्जन ने कार्रवाई की है. ये तीनों क्लिनिक रातू क्षेत्र में संचालित हो रहे थे. सिविल सर्जन द्वारा गठित टीम की जांच के बाद उक्त कार्रवाई की गयी है.

तीनों क्लिनिक संचालकों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. नोटिस जारी कर तीनों से अपना पक्ष रखने व जुर्माना भरने को कहा गया है. आगे इन पर कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. हालांकि क्लिनिक संचालकों ने नोटिस मिलने के बाद सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना पक्ष नहीं रखा है.
जांच में रातू के चटकपुर स्थित अनुज कुमार पटेल द्वारा ‘शर्मा क्लिनिक’ का संचालन किया जा रहा था. उक्त क्लिनिक में लगे बोर्ड पर एमबीबीएस व एएम की डिग्री का जिक्र किया गया था. वहीं झारखंड सेवा रत्न द्वारा सम्मानित होने की सूचना भी अंकित थी.
टीम को जांच में क्लिनिक संचालक के पास किसी भी पद्धति की विशेषज्ञता का कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला. ऐसे में इनके झोलाछाप होने की पुष्टि हुई. वहीं पंडरा स्थित ‘गांधी सेवा सदन’ क्लिनिक के पंजीयन की तिथि एक जून 2019 को ही समाप्त हो गयी थी. यहां पांच महिला पारा मेडिकल का काम कर रही थी, जो प्रशिक्षित नहीं थी.
पंजीयन एक चिकित्सक का था, लेकिन यहां छह डॉक्टरों की सूची लगायी गयी थी. वहीं संचालक के पास कोई डिग्री नहीं मिली. इसके अलावा पंडरा स्थित ‘हेल्थ क्लिनिक’ का संचालन डॉ डीसी भारती द्वारा किया जा रहा था, लेकिन टीम द्वारा जांच करने पर उनके पास भी कोई डिग्री नहीं मिली.
तीनों को भेजा गया नोटिस, अभी तक किसी ने नहीं दिया जवाब
प्रभात खबर में 30 जुलाई को छपी थी खबर
क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट की खामियों का फायदा उठाकर राजधानी में क्लिनिक का लाइसेंस लेने व क्लिनिक संचालित करने से संबंधित खबर 30 जुलाई 2019 को प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी.
इसमें यह बताया गया था कि सिस्टम की गड़बड़ी के कारण बिना डिग्री के ही झोलाछाप लाइसेंस ले लेते हैं. वहीं सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा भी बिना जांच किये पंजीयन का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है. खबर छपने के बाद सिविल सर्जन द्वारा टीम गठित कर इसकी जांच करा कर कार्रवाई की गयी.
अवैध रूप से संचालित तीन क्लिनिक की जांच की गयी है. उक्त क्लिनिक के संचालकों के पास कोई डिग्री नहीं मिली. इसलिए तीनों पर जुर्माना लगाया गया. डिग्री नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी.
डॉ वीबी प्रसाद, सिविल सर्जन, रांची

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