रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय हुआ है कि मेडिकल की सभी एससी व एसटी सीटों के लिए काउंसलिंग होगी. मुख्य सचिव के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मेडिकल कॉलेजों में नामांकन संबंधी एक्ट में यह प्रावधान है कि केंद्र चाहे, तो किसी राज्य विशेष को नामांकन के लिए जरूरी प्राप्तांक संबंधी छूट दे सकता है.
झारखंड जनजातीय बहुल व पिछड़ा राज्य होने के नाते यह छूट चाहता है. काउंसलिंग के बाद यदि केंद्र से 40 फीसदी से कम प्राप्तांक में नामांकन की छूट मिल जाती है, तो संबंधित विद्यार्थियों का नामांकन तीन मेडिकल कॉलेजों में लिया जायेगा. गौरतलब है कि राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों में एससी की कुल 28 तथा एसटी की कुल 76 सीटें हैं. पर 40 फीसदी या अधिक प्राप्तांक वाले परीक्षार्थियों के न मिलने से ज्यादातर सीटों के खाली रह जाने की आशंका है. इसी के मद्देनजर सरकार ने उपरोक्त निर्णय लिया है. 30 जुलाई तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी करनी है.
192 सीटों के लिए हुई काउंसलिंग
राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों और वनांचल डेंटल कॉलेज की रिक्त पड़ी सीटों के लिए सोमवार को दूसरे चरण की काउंसलिंग की गयी. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद परिसर में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल धनबाद, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जमशेदपुर की 92 सीट और गढ़वा स्थित डेंटल कॉलेज की 100 सीटों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी की गयी. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने रिक्त पड़े मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की सीटों को भरने के लिए काउंसलिंग की. काउंसलिंग के दौरान किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी की सूचना नहीं है. एहतियात के तौर पर पर्षद कार्यालय में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे पुलिस बल के जवानों की तैनाती भी की गयी थी. सोमवार को निर्धारित समय पर काउंसलिंग शुरू की गयी.