नक्सली जबरन ले गये हैं या बच्चे खुद गये हैं, नहीं बता रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने दिलाया है भरोसा, वापस बुला लेंगे बच्चों को
रांची : नक्सली गुमला व लोहरदगा के करीब 40 बच्चों को संगठन में शामिल करने के लिए ले गये हैं. लोहरदगा के करीब 25, जबकि गुमला के 15 बच्चे नक्सलियों के कब्जे में हैं. डीआइजी प्रवीण सिंह ने इसकी पुष्टि की है. सोमवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा : नक्सलियों की ओर से बच्चों को ले जाये जाने की अपुष्ट खबर के बाद दोनों जिलों में अभियान शुरू किया गया था. दोनों जिलों के करीब 40 बच्चों के नक्सलियों के कब्जे में होने की बात सामने आयी. बच्चे इच्छा से नक्सलियों के साथ गये हैं या उन्हें जबरन ले जाया गया है, इस बारे में ग्रामीण कुछ नहीं बोल रहे. ग्रामीणों ने पुलिस को भरोसा दिलाया है कि वे अपने बच्चों को बुला लेंगे.
बच्चों को शिक्षा की व्यवस्था पुलिस करेगी
डीआइजी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया : पुलिस गांवों में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत काम कर रही है. जिन बच्चों को नक्सली अपने साथ ले गये हैं, उनके नाम और पिता के नाम की सूची पुलिस के पास है. अभिभावकों को कहा गया है कि वे किसी तरह अपने बच्चों को वापस बुला लेते हैं, तो उनकी शिक्षा की व्यवस्था पुलिस करेगी.
पेशरार इलाके में बढ़ेगी फोर्स
डीआइजी ने बताया : पेशरार इलाके में पुलिस फोर्स मौजूद है. और बढ़ायी जायेगी, ताकि नक्सलियों की सूचना मिलने पर पेशरार में भी अभियान शुरू किया जा सके. नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है. हालांकि अधिक बारिश होने के कारण कुछ फोर्स लौट चुकी है. दूसरे फोर्स को भेजा जा रहा है.
लोहरदगा में तीन की हत्या
यह पूछे जाने पर कि जिन बच्चों के पिता ने नक्सलियों की बात नहीं मानी, उनके साथ मारपीट की गयी थी, कुछ की हत्या की जा चुकी है, इस पर डीआइजी ने बताया : लोहरदगा में नक्सलियों की ओर से तीन ग्रामीणों की हत्या की खबर है. प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. हत्या की वजह बच्चों को संगठन में नहीं देना नहीं है. नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर की बात कर लोगों को मारा है.