रांची: होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में ऐसे 19 कैदी बंद हैं, जिन्हें अदालत से तो जमानत मिल गयी है, लेकिन उनके पास जमानतदार (बेलर) नहीं हैं. इनमें 17 कैदी वैसे हैं, जिन्हें अदालत से आजीवन कारावास की सजा मिली है, जबकि दो को 10-10 साल की सजा मिली है.
गत छह जुलाई को मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती ने जब जेल का निरीक्षण किया, तब उन्हें इस मामले की जानकारी दी गयी. हालांकि करीब दो माह पहले जेल प्रशासन ने बेलर के आभाव में जेल से नहीं छूटने वाले कैदियों की सूची कोर्ट को भेजी थी. इस सूची पर कार्रवाई करते हुई कोर्ट ने कुछ कैदियों को मुक्त करने का आदेश दिया था. इनमें वैसे कैदी शामिल थे, जो सामान्य आरोप में जेल गये थे. वहीं वैसे कैदियों को छोड़ने पर कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया था, जिनका अपराध गंभीर है और उन्हें आजीवन कारावास या लंबी अवधि की सजा मिली है.
आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी
सनकू नायक, रघुनाथ नायक, सिंग बारजो, कप्टान पूर्ति, रूपचंद उरांव, नंदु उरांव, इंद्रो सरदार, पांडे बेसरा, रति बेसरा, सेखू भुइंया, सखी राम धोबी, पंचू उरांव, सुकरा उरांव, एतवा सुरीन, चुंदा सोरेन, लेव डुंगडुंग, सुखनाथ किसान, 10 साल की सजा पाये बंदी: छेछा किस्टो व पादरी बालमुचू