रांची: झारखंड में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) की चपेट में आने से गिरिडीह के 10 वर्षीयआशीष कुमार की मौत हो गयी है. रिम्स के शिशु विभाग में 15 जून की रात को इस बच्चे की मौत हो गयी. वह करीब एक माह से यहां इलाजरत था. रिम्स के एडमिशन बुक में उसे इंसेफलाइटिस से पीड़ित बताया गया है. उसका इलाज डॉ मिन्नी रानी अखौरी की देखरेख में चल रहा था. रिम्स के चिकित्सकों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. जानकारों के अनुसार बरसात से पहले बीमारी ने दस्तक दे दी है. अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया, तो स्थिति गंभीर हो सकती है.
दो का चल रहा इलाज
रिम्स के शिशु विभाग में इंसेफलाइटिस की चपेट में आये दो और बच्चों का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के अनुसार उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. खूंटी निवासी 12 वर्षीय मीरा कुमारी एवं पुरुलिया निवासी बोमा माली का इलाज डॉ एके शर्मा एवं डॉ आर मिश्र की देखरेख में चल रहा है. मीरा कुमारी की स्थिति ज्यादा गंभीर है, उसे पीएससीयू में रखा गया है.
क्या है इंसेफलाइटिस
इंसेफलाइटिस मच्छर काटने से होने वाली बीमारी है. यह वायरल एवं बैक्टीरियल दोनों प्रकार के संक्रमण से होता है. इसे दिमागी बुखार भी कहते है. इसकी चपेट में आने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. यह दिमाग पर ज्यादा असर डालता है. यह बीमारी बच्चों में अधिक होती है.
लक्षणों के आधार पर कहा जा सकता है कि बच्चे की मौत इंसेफलाइटिस से हुई है. उसे बचाने की पूरी कोशिश की गयी थी, लेकिन परिजन स्थिति बिगड़ने पर अस्पताल लाये थे.
डॉ मिन्नी रानी अखौरी, शिशु चिकित्सक