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जेल में यशवंत से मिले आडवाणी

हजारीबाग : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जेल में बंद भाजपा नेता यशवंत सिन्‍हा से मुलाकात करने पहुंचे हैं. ऐसी संभावना है कि यशवंत सिन्‍हा आज जेल से बाहर हो सकते हैं. आडवाणी आज सुबह रांची पहुंचे. झारखंड और विशेष कर हजारीबाग में बिजली संकट के खिलाफ आंदोलन करते हुए जमानत न लेकर जेल […]

हजारीबाग : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जेल में बंद भाजपा नेता यशवंत सिन्‍हा से मुलाकात करने पहुंचे हैं. ऐसी संभावना है कि यशवंत सिन्‍हा आज जेल से बाहर हो सकते हैं. आडवाणी आज सुबह रांची पहुंचे.

झारखंड और विशेष कर हजारीबाग में बिजली संकट के खिलाफ आंदोलन करते हुए जमानत न लेकर जेल गये पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा से मिलने आज यहां जेल पहुंचे आडवाणी ने कहा, ‘‘झारखंड का अलग राज्य के रुप में गठन के बाद उचित विकास नहीं हुआ और यहां इसी तरह के आंदोलन की आवश्यकता है. आगामी विधानसभा चुनावों के बाद यशवंत सिन्हा झारखंड का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह योग्य हैं और वह ही मुख्यमंत्री बनने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं.’’ उन्होंने कहा कि झारखंड में सुशासन की आवश्यकता है और विशेषकर 2014 के आम चुनावों के बाद देश में जनता का रुझान इस ओर ही है. इसे देखते हुए यशवंत सिन्हा जैसे नेता के नेतृत्व की राज्य को आवश्यकता है.

आडवाणी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैंने यशवंत से कहा है कि जब आपको भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं का समर्थन मिल रहा है और सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश से समर्थन मिल रहा है तो आप पूरे सम्मान के साथ जेल से बाहर आयें और बिजली के इस संकट के खिलाफ झारखंड में बडे जनांदोलन का नेतृत्व करें.’’ यशवंत सिन्हा से जेल में लगभग सवा घंटे की मुलाकात के बाद बाहर आये आडवाणी ने कहा कि अब यशवंत सिन्हा को भाजपा के सभी नेताओं और जनता की इच्छा के अनुरुप जमानत लेकर जेल से बाहर आ जाना चाहिए. बिजली के वर्तमान संकट और विद्युत बोर्ड के महाप्रबंधक कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जनांदोलन को आगे बढाना चाहिए. आडवाणी ने कहा कि इससे पहले शायद ही झारखंड में किसी नेता ने इस तरह के मुद्दे पर कोई जनांदोलन खडा किया होगा. यदि ऐसा पहले किया गया होता तो झारखंड का यह हाल शायद नहीं होता. आडवाणी ने अफसोस जताया कि झारखंड के अलग गठन के बाद यहां इस तरह का आंदोलन न होने से कोई ठोस विकास कार्य नहीं हो सका है.

जब आडवाणी से यह पूछा गया कि क्या यशवंत सिन्हा ने सक्रिय राजनीति में बने रहने के लिए ही यह आंदोलन किया है तो उन्होंने कहा, ‘क्यों नहीं? सक्रिय राजनीतिज्ञ इस तरह का आंदोलन नहीं करेंगे तो क्या करेंगे?’ उन्होंने कहा कि झारखंड को ऐसे आंदोलनों की आवश्यकता है और यशवंत सिन्हा में उन्हें नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता है. इधर, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा ने रांची में कहा, ‘‘मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. यह आंदोलन खराब विद्युत व्यवस्था के लिए था और इस समय झारखंड में पार्टी में नेतृत्व के सवाल पर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा.’’ आडवाणी के हजारीबाग यात्र में उनके साथ अन्य अनेक नेताओं के अलावा स्वयं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अजरुन मुंडा भी उपस्थित थे. आडवाणी के बयान के बाद मुंडा ने पत्रकारों के सवालों का सीधे जवाब नहीं दिया और यही संकेत दिया कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए उचित उम्मीदवार का चयन सही समय पर होगा.

इस मुद्दे पर आडवाणी के बयान से गरमायी राजनीति पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा, ‘‘झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावांे के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह तो वक्त बतायेगा लेकिन राज्य में भाजपा में नेताओं की कोई कमी नहीं है.’’ यशवंत सिन्हा हजारीबाग जेल में तीन जून से बंद हैं और वह जमानत लेने को तैयार नहीं हैं. हजारीबाग में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 28 जून तक के लिए बढा दी है.

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