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दो इंजीनियर, तीन बिल्डर की गिरफ्तारी का आदेश

रांचीः निगरानी के एसपी ने आरआरडीए में हुए नक्शा घोटाले में शामिल राजधानी के तीन बड़े बिल्डरों नरेंद्र बुटाला, भवेश बुटाला और सरदार गुरुबीर सिंह को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. इनके साथ आरआरडीए के दो पूर्व कनीय अभियंता मो हेमजा और दीप नारायण शर्मा को भी गिरफ्तार करने का आदेश केस के अनुसंधानक […]

रांचीः निगरानी के एसपी ने आरआरडीए में हुए नक्शा घोटाले में शामिल राजधानी के तीन बड़े बिल्डरों नरेंद्र बुटाला, भवेश बुटाला और सरदार गुरुबीर सिंह को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.

इनके साथ आरआरडीए के दो पूर्व कनीय अभियंता मो हेमजा और दीप नारायण शर्मा को भी गिरफ्तार करने का आदेश केस के अनुसंधानक इंस्पेक्टर राज नारायण सिंह को दिया है. इनकी गिरफ्तारी के लिए अदालत से वारंट ले लिया गया है और चार विशेष टीम बनायी गयी है. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तारी के लिए छापामारी की गयी, पर सभी फरार हो गये. आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने की दिशा में उनके घरों को कुर्क किया जायेगा.

क्या मिला निगरानी की जांच में : निगरानी ने अभी तक की जांच में पाया है कि बिल्डर नरेंद्र बुटाला लालपुर चौक के पास जहां बहुमंजिली इमारत का निर्माण करवा रहे हैं, उसकी जमीन का विवाद पहले से कोर्ट में चल रहा है. विवाद के बाद भी इस जमीन पर इमारत बनाने के लिए नक्शा पास हो गया. इसी तरह मोरहाबादी में उन्होंने जहां अपार्टमेंट का निर्माण कराया है, उसकी जमीन के म्यूटेशन से पहले अपार्टमेंट के लिए नक्शा पास (2008 में) हो गया था. बिल्डर सरदार गुरुबीर सिंह ने पिस्का मोड़ में तीन मंजिला कांप्लेक्स बनाने के लिए नक्शा पास कराया, लेकिन वहां आठ मंजिला कांप्लेक्स बनवा दिया गया. बाद में इसके लिए घटनोत्तर स्वीकृति भी ले ली गयी. बिल्डर भवेश ने 2006 में तीन मंजिला भवन बनाने के लिए नक्शा पास कराया था, पर उसने चार मंजिली इमारत का निर्माण कर लिया गया. निगरानी ने पाया कि बिल्डरों ने यह काम आरआरडीए के अधिकारियों के सहयोग से किया है.

गिरफ्तारी के लिए बनायी गयी चार टीम

जिन्हें जांच में पाया गया है दोषी

आरआरडीए के तत्कालीन अभियंता मो हेमजा, कनीय अभियंता दीप नारायण शर्मा और बिल्डर नरेंद्र बुटाला, भवेश भुटाला व सरदार गुरुबीर सिंह.

इनके खिलाफ हो रही है जांच

नागेंद्र कुमार वर्मा (कनीय अभियंता), अशोक कुमार (कनीय अभियंता), राजीव रंजन (कनीय अभियंता), एमपी मिश्र उर्फ महेश्वर प्रसाद मिश्र (तत्कालीन उपाध्यक्ष, आरआरडीए), राजेंद्र त्रिपाठी (कनीय अभियंता), गोपाल दास (तत्कालीन उपाध्यक्ष, आरआरडीए)

2000-2009 के बीच हुए थे घोटाले

सरकार के निर्देश पर निगरानी वर्ष 2000 से लेकर 2009 के बीच आरआरडीए में हुए नक्शा घोटाले की जांच कर रही है. जांच के बाद तीन बिल्डर सहित आरआरडीए के 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (कांड संख्या 20/09) दर्ज करायी गयी. जांच में निगरानी ने फिलहाल आरआरडीए के तत्कालीन अभियंता मो हेमजा, दीप नारायण शर्मा और बिल्डर नरेंद्र बुटाला, भवेश बुटाला व सरदार गुरुबीर सिंह को दोषी पाया है. अन्य की भूमिका पर जांच चल

रही है.

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