रांची: झारखंड में भारी गरमी के साथ ही बिजली की लोडशेडिंग जारी है. जरूरत के मुताबिक झारखंड को बिजली नहीं मिल रही है. संताल-परगना में स्थिति ज्यादा बदतर है. वहां 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. एनटीपीसी के फरक्का-ललमटिया लाइन का दो टावर गिर गया है.
इसके चलते इस इलाके में बिजली संकट गहरा गया है. विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी भी पांच से सात दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी. जब तक टावर की मरम्मत नहीं करायी जाती तब तक स्थिति में सुधार संभव नहीं है. राज्य में तेनुघाट की यूनिट नंबर दो से पिछले दो दिनों से उत्पादन ठप रहा. मंगलवार को शाम पांच बजे से यूनिट दो चालू किया गया. जिससे 50 मेगावाट उत्पादन हो रहा था. पतरातू की चालू तीन यूनिट में से दो में उत्पादन ठप ही थे. केवल यूनिट 10 से 75 मेगावाट उत्पादन हो रहा था, बुधवार को इससे भी उत्पादन ठप हो गया. हालांकि मंगलवार को रांची में फुल लोड आपूर्ति का प्रयास किया गया.
क्या कहते हैं बोंर्ड के अधिकारी
तेनुघाट की एक यूनिट ठप हो गयी थी. जिसके चलते बिजली समस्या थी. अब यूनिट लाइट अप हो गयी है. सभी जगहों पर फुल लोड आपूर्ति की जा रही है.
पांडेय रमणीकांत सिन्हा, डीपीआरओ, झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड
टीवीएनएल से उत्पादन शुरू
13 मई को शाम पांच बजे से तेनुघाट की यूनिट नंबर दो से 50 मेगावाट व यूनिट एक से 167 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था. पीटीपीएस की यूनिट नंबर 10 से 75 मेगावाट उत्पादन हो रहा था. सेंट्रल पूल से 316 मेगावाट, आधुनिक से 122 मेगावाट, डीवीसी से 100 मेगावाट बिजली मिल रही थी. झारखंड को 1000 मेगावाट की जगह 861 मेगावाट ही बिजली मिल रही है.
सेंट्रल पूल से भी कम आपूर्ति
सेंट्रल पुल से झारखंड के लिए 532 मेगावाट का आवंटन है, जबकि 316 मेगावाट बिजली ही मिल रही है. खबर लिखे जाने तक पूरे राज्य में 150 से 200 मेगावाट तक की लोडशेडिंग की जा रही थी. कोल्हान प्रमंडल, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल, पलामू प्रमंडल, संताल-परगना व उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में शेडिंग कर आपूर्ति की जा रही है.