रांची: चालू शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों के बच्चों को नि:शुल्क पाठय़ पुस्तक देने के लिए किताबों के प्रकाशन का मामला टलता जा रहा है. किताबों की छपाई के लिए निकाला गया टेंडर स्थगित करने के बाद राज्य सरकार अब पेपर टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट की तलाश कर रही है.
तीन पेपर एक्सपर्ट की टीम किताबों की छपाई के टेंडर की शर्ते निर्धारित करेगी. मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली झारखंड शिक्षा परियोजना की कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार को एक्सपर्ट खोज कर उनसे टेंडर की शर्ते निर्धारित कराने का निर्णय लिया गया. कार्यकारिणी के अध्यक्ष सह मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती ने बताया कि पुराने टेंडर में शर्ते स्पष्ट नहीं थी. इसी वजह से उसे स्थगित करना पड़ा. एक्सपर्ट की सलाह के बाद दोबारा टेंडर निकाला जायेगा.
50 लाख बच्चों देनी है किताब
राज्य सरकार शैक्षणिक सत्र 2013-14 में राज्य के लगभग 50 लाख बच्चों को नि:शुल्क किताबें दी जानी है. पलामू में सबसे अधिक 4 लाख 30 हजार बच्चों को किताब दी जायेगी. लोहरदगा में सबसे कम 75 हजार बच्चों को किताब दी जायेगी. रांची में तीन लाख दस हजार बच्चों को किताब देने की योजना है. पर अब तक बच्चों को किताब नहीं मिली है. किताब नहीं मिलने से पठन-पाठन बाधित हो रहा है.
अब तक टेंडर फाइनल नहीं
शैक्षणिक सत्र 2014-15 में बच्चों को नि:शुल्क किताब देने के लिए अब तक टेंडर फाइनल नहीं हुआ है. टेंडर की प्रक्रिया जनवरी में शुरू की गयी थी. पहला टेंडर रद होने के बाद फिर से री टेंडर किया गया था. छह मई को टेंडर का टेक्निकल बिड खुलना था, पर इसे स्थगित कर दिया गया. अब सितंबर-अक्तूबर से पहले बच्चों को किताबें मिलने की संभावना नहीं है.