सुमन का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज कराये छह माह से अधिक समय बीतने के बाद भी निवेश का सुराग नहीं मिल पाया है़ जबकि फर्जी डीएसपी बन कर बेगूसराय में ठगी करने के दौरान वह पकड़ा भी गया था़ सूत्रों की मानें तो बिहार, झारखंड में निवेश कुमार द्वारा ठगी का बड़ा गिरोह चलाया जा रहा है़.
झारखंड में फिल्म निर्माण के लिए काफी अच्छे लोकेशन है़ं मैं आपको झारखंड सरकार से अनुदान दिला सकता हूं. क्योंकि सीएमओ, झारखंड सरकार के मंत्री व अफसरों से मेरी अच्छी पहचान है़ उसके बाद होटल, बुकिंग, कैमरा, जनरेटर, मेकअप आर्टिस्ट एवं लोकेशन के नाम पर मुझसे कैश की मांग की गयी़ मैंने अपने खाते सेे आरटीजीएस व एनइएफटी के माध्यम से 70 लाख रुपये दे दिया़ ये रुपये मैंने अपने पांच-छह दाेस्तों से कर्ज लेकर दिया था़ पैसा लेने के बाद निवेश टालमटोल करने लगा. काफी दिनों तक कुछ नहीं करने पर मुझे शक होने लगा़.
उसके बाद मैंने रुपये की मांग की़ लेकिन वह आनाकानी करने लगा. जब दबाव डाला तो उसने 2.25 लाख रुपये वापस कर दिया. बाकी रुपये मांगने पर वह एसीबी इंस्पेक्टर का धौंस दिखाने लगा़ कहा कि जितना पैसा देना था दे दिया, बाकी रुपये मांगा तो झूठे केस में फंसा दूंगा और ज्यादा बोले तो जान से मरवा दूंगा़ इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे प्रमोद कुमार, जिन्होंने अपने को आइजी बताया था, उनके द्वारा भी हमें झूठा केस में फंसाने की धमकी मिल रही है़ सुमन की मानें तो निवेश कुमार कार(जेएच 01एएस-4098) व स्कार्पियो पर वीआइपी लाइट लगा कर ठगी करता है़ रुपये लेन-देन में निवेश की पत्नी और पिता का भी हाथ है़ इधर, साइबर थाना की पुलिस का कहना है कि इस मामले में अनुसंधान जारी है, शीघ्र सफलता मिलेगी़