रांचीः हेमंत सोरेन सरकार हर संकट बढ़ता जा रहा है. लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए संताल परगना में जूझ रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आनेवाले दिनों में सरकार बचाने के लिए जद्दोजहद करना होगा. पहले सहयोगी विधायकों ने पाला बदला और अब सरकार में शामिल मंत्री ही मोरचा खोल रहे हैं.
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही विपक्ष सरकार को घेरेगा. वर्तमान में विधानसभा के अंदर सत्ता पक्ष का गणित गड़बड़ाता नजर आ रहा है. वर्तमान में विधानसभा के अंदर सदस्यों की संख्या 79 हो गयी है और सत्ता पक्ष के पास 40 का आंकड़ा है. झामुमो विधायक हेमलाल मुरमू और विद्युतवरण महतो के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गयी है.
वहीं सरकार के सहयोगी कांग्रेस के विधायक ददई दुबे ने तृणमूल का दामन थामने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. सदन के अंदर सरकार आरपार की स्थिति में पहुंच गयी है. एक सदस्य भी इधर-उधर हुए, तो सरकार की मुसीबत बढ़ जायेगी. ऐसे में चुनाव के बाद हेमंत सोरेन और उनके सहयोगी दलों को क्राइसिस मैनेजमेंट में जुटना होगा.