बोकारो : गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में 17 अप्रैल (चुनाव के दिन) को लुगु पहाड़ी के पास ललपनिया पथ पर उग्रवादियों द्वारा केन बम विस्फोट की घटना के बाद बोकारो के एसपी जितेंद्र सिंह ने बहादुरी से नक्सलियों का मुकाबला किया. इस कारण ही एक नक्सली के मारे जाने व नून चंद्र मांझी नामक हार्डकोर नक्सली के गंभीर रूप से जख्मी होने की सूचना मिल रही है. उक्त बातें उत्तरी छोटानागपुर प्रक्षेत्र बोकारो के आइजी लक्ष्मण प्रसाद सिंह ने कही. श्री सिंह अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
एसपी की तत्परता से भागे नक्सली (उन्होंने बताया) बोकारो एसपी की तत्परता के कारण ही नक्सलियों को मुठभेड़ के बाद भागना पड़ा. नक्सलियों के भागने के बाद पुलिस ने जब पहाड़ी क्षेत्र में जांच की तो नक्सलियों के खून से सना कपड़ा आदि मिला. मुठभेड़ में मारे गये नक्सली के शव को पहाड़ी के जंगल में ही छुपा कर रखा गया है.
हार्डकोर नक्सली नून चंद्र मांझी को गंभीर अवस्था में छुपा कर इलाज कराया जा रहा है. मारे गये नक्सली के शव व घायल नक्सली को खोजने का प्रयास पुलिस कर रही है. बोकारो एसपी को काम से हटाये जाने के संबंध में डीजीपी राजीव कुमार, आइजी ऑपरेशन मुरारी लाल मीणा ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है.
बौखला कर जंगल में विस्फोट कर रहे हैं नक्सली : डीजीपी व आइजी ऑपरेशन ने भी एसपी की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए बताया कि गोमिया में नक्सली घटना के बाद कोयलांचल के डीआइजी को मदद करने के लिए मुख्यालय से निर्देश दिया गया था. आइजी श्री सिंह ने यह भी कहा कि जिस तरह 17 अप्रैल का चुनाव शांति पूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. उसी तरह 24 अप्रैल का चुनाव भी शांति पूर्ण संपन्न कराने की पूरी तैयारी धनबाद व बोकारो जिले के एसपी के द्वारा कर ली गयी है.
उत्तरी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के सातों जिले के एसपी ने चुनाव के दौरान काफी अच्छा काम किया है. इसी कारण चुनाव शांति पूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. पुलिस की तत्परता के कारण नक्सलियों के हर मंसूबे को विफल कर दिया गया. इसी कारण आक्रोशित होकर नक्सली जंगल में बम विस्फोट कर व रेलवे पटरी उड़ा कर जंगल में मोर नाचने वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. अब जनता भी नक्सलियों को मुंह तोड़ जवाब दे रही है. आम जनता का भारतीय संविधान के प्रति विश्वास बढ़ा है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नक्सलियों के गढ़ में 60 प्रतिशत मतदान होना है.