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रांची में त्रिकोणीय मुकाबला, सहाय और महतो चुनावी मैदान में

रांची : झारखंड की रांची लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में घिरे हुए हैं लेकिन आजसू के सुदेश महतो के भी चुनाव मैदान में कूद जाने से उनकी राह थोडी आसान नजर आती है. रांची लोकसभा सीट के लिए झारखंड की पांच अन्य लोकसभा सीटों के […]

रांची : झारखंड की रांची लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में घिरे हुए हैं लेकिन आजसू के सुदेश महतो के भी चुनाव मैदान में कूद जाने से उनकी राह थोडी आसान नजर आती है. रांची लोकसभा सीट के लिए झारखंड की पांच अन्य लोकसभा सीटों के साथ आज मतदान हो रहा है.

सहाय के पारंपरिक मतों में इस बार बडी सेंध कोई नहीं लगा पाया है. उनका मुकाबला भाजपा के रामटहल चौधरी से है. लगातार चार बार रांची से जीत दर्ज कर चुके चौधरी को आजसू के सुदेश महतो से कडी चुनौती मिल रही है जिससे मोदी की लहर में उनकी इस बार सुनिश्चित दिख रही जीत अब मुश्किल लग रही है. रामटहल और महतो एक जातिवर्ग से आते हैं.

रांची लोकसभा सीट पर भाजपा के रामटहल चौधरी, कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और निवर्तमान सांसद सुबोधकांत सहाय, आज्सू के पार्टी अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो, झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी और तृणमूल कांग्रेस के बंधू तिर्की चुनाव मैदान में हैं. सुबोधकांत सहाय ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के रामटहल चौधरी को क्रमश: लगभग सोलह हजार और तेरह हजार मतों के अंतर से हराया था.

इस बार मोदी लहर और कांग्रेस पार्टी के भीतर उनके खिलाफ चल रही मोर्चेबंदी के मद्देनजर उनका जीत पाना मुश्किल था लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी राहत की खबर लेकर आए सुदेश महतो, जिन्होंने अचानक यहां से चुनाव लडने का ऐलान कर दिया.

अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में राज्य में पिछले तीन वर्ष तक चली भाजपा की गठबंधन सरकार के उपमुख्यमंत्री और आज्सू के मुखिया सुदेश महतो झारखंड में महतो समुदाय के सबसे बडे नेताओं में माने जाते हैं. रांची लोकसभा क्षेत्र में उनकी नजर कुल 16 लाख, 48 हजार मतदाताओं में से लगभग ढाई लाख महतो मतदाताओं पर है. इन्हीं मतदाताओं और भाजपा के कैडर वोट के भरोसे रामटहल चौधरी की नैया भी यहां से पार लगती रही है.

यदि रांची लोकसभा क्षेत्र की सिल्ली विधानसभा सीट से विधायक सुदेश महतो ने अपने क्षेत्र और अपनी पार्टी के दूसरे विधायक रांची की ही हटिया विधानसभा सीट के नवीन जयसवाल के क्षेत्रों से यदि बडी संख्या में मत हथिया लिये तो रामटहल के लिए रास्ता कठिन हो जायेगा.

यदि सुदेश महतो को रांची के लगभग दो लाख मुस्लिम मतदाताओं में से भी कुछ प्रतिशत मत मिले तो वह एक ताकतवर उम्मीदवार के रुप में सामने खडे हो जायेंगे. अब सुबोधकांत सहाय रांची में अपनी सीट बचाने के लिए अपने पारंपरिक मुस्लिम और आदिवासी ईसाई मतदाताओं पर निर्भर हैं वहीं भाजपा के रामटहल चौधरी शहरी क्षेत्रों में नरेन्द्र मोदी की लहर से कोई जादू होने का भरोसा कर रहे हैं. दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस से चुनाव लड रहे रांची की मांडर विधानसभा सीट से विधायक बंधू तिर्की भी सुबोध के ईसाई और मुस्लिम मतदाताओं में सेंध लगाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं.

झारखंड विकास मोर्चा (प्र) के उम्मीदवार पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ चौधरी रांची में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बना कर यहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट लाने से बनी अपनी छवि के सहारे चुनाव मैदान में हैं. लेकिन उनसे भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को कडी टक्कर मिलने के आसार कम ही हैं.

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