आपको ऐतिहासिक अवशेषों में दिलचस्पी है, तो एपिग्राफी के जरिये आप देश-दुनिया को इतिहास से अवगत करा सकते हैं. ऐतिहासिक अवशेषों के आधार पर प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से जुड़े तथ्यों और जानकारियों को दुनिया के सामने लाने का चुनौतीपूर्ण कार्य करना चाहते हैं, तो एपिग्राफी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं.
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क्या है एपिग्राफी
एपिग्राफी विज्ञान की एक शाखा है, जो हमारे शानदार इतिहास के बारे में जानने के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रही है. यह विभिन्न प्राचीन भाषाओं तथा संकेतों वाली रहस्यमयी हस्तलिपियों को पढ़ने की कला है. इसे एपिग्राफी यानी पुरालेख विद्या के नाम से भी जाना जाता है. एपिग्राफी पाषाण, ताम्र थालियों, लकड़ी आदि पर लिखी प्राचीन व अनजानी हस्तलिपियों को खोजने तथा उन्हें समझने का विज्ञान है. एपिग्राफ्स इतिहास के स्थायी तथा सर्वाधिक प्रमाणिक दस्तावेज हैं. वे ऐतिहासिक घटनाओं की तिथि, सम्राटों के नाम, उनकी पदवियों, उनकी सत्ता के काल, साम्राज्य की सीमाओं से लेकर वंशावली तक के बारे में सटीक व सही सूचना के महत्वपूर्ण स्रोत हैं.
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वर्क प्रोफाइल
आर्कियोलॉजी की विभिन्न शाखाओं में से एक एपिग्राफी के तहत किलों, धार्मिक स्थलों, समाधियों, मकबरों जैसे विभिन्न स्मारकों में पुरालेखों या शिलालेखों की खोज की जाती है. इन्हें फोटोग्राफी या स्याही रगड़ कर कागज पर उतार लिया जाता है. इसके बाद इन्हें बेहद ध्यान से समझने का प्रयास किया जाता है. इस दौरान इनमें दिये गये तथ्यों एवं जानकारी की मदद से उनमें जिन लोगों, घटनाओं, तिथियों, स्थानों आदि का जिक्र होता है, उनका पता लगाया जाता है.
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करियर की संभावनाएं
इसमें करियर की काफी संभावनाएं हैं. ये संभावना देश ही नहीं विदेशों में भी काफी है. भारत में आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया रोजगार का प्रमुख विकल्प है. इसकी एपिग्राफी शाखा में संस्कृत, अरबी, फारसी, तेलगु, कन्नड़, तमिल तथा मलयालम भाषा में विभिन्न पद हैं. इसके अतिरिक्त अनेक राज्य सरकारों के आर्कियोलॉजी विभागों में एपिग्राफिस्ट्स के पद होते हैं. इनके अलावा सभी संग्रहालयों में क्यूरेटर तथा कीपर, डिप्टी कीपर, गैलरी असिस्टेंट के रूप में राेजगार पाया जा सकता है.
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योग्यता व व्यक्तिगत कौशल
इतिहास विषय के साथ स्नातक और आर्कियोलॉजी विषयों में प्रथम श्रेणी मास्टर डिग्री अथवा इतिहास में मास्टर डिग्री लेकर करियर बनाया जा सकता है. इसके अतिरिक्त स्नातक के बाद इस विषय में पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स किये जा सकते हैं. शैक्षणिक योग्यता के अतिरिक्त कुछ व्यक्तिगत कौशल भी जरूरी होता है.
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प्रमुख संस्थान
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर, मध्य प्रदेश
अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, रीवा, मध्य प्रदेश
आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापत्त्तनम, आंध्र प्रदेश