रांची: मिड डे मील के 100 करोड़ रुपये से चर्चा में आया भानु कंस्ट्रक्शन पेटी कांट्रेक्टर है. लेकिन यह लार्सन एंड टुब्रो, मोंटे कार्लो, जिंदल अौर मधुकॉन जैसी 15 कंपनियों को अपना क्लाइंट बता रहा है. कंपनी की वेबसाइट भी बनी हुई है. कंपनी के दो मालिक हैं. संजय तिवारी और सुरेश कुमार. कंपनी के पेटी कांट्रैक्टर होने की बात जीएम अलका सिंह भी कबूल करती हैं, लेकिन वे यह नहीं बताती हैं कि किस कंपनी ने कब और कितने का कांट्रैक्ट दिया है.
हालांकि बिहार, झारखंड, ओड़िशा और असम में विभिन्न परियोजनाओं का कार्य किये जाने की बात भानु कंस्ट्रक्शन ने कही है. बिहार के डोभी-गया में मिटी एंड निर्माण कार्य जैसे कुछ ऐसे भी प्रोजेक्ट हैं जिन्हें पूरा होने और रनिंग प्रोजेक्ट के तौर पर भी दिखाया गया है. साथ ही निर्माण कार्य में जेसीबी, डोजर सहित अन्य उपकरणों की लंबी फेहरिस्त दी गयी है. इस पूरे प्रकरण की जांच के बाद ही सही तथ्य सामने आयेंगे कि भानु कंसट्रक्शन कंपनी की असलियत क्या है.
इन कंपनियों को बताया जा रहा क्लाइंट: लार्सन एंड टुब्रो, मोंटे कार्लो, आइडीईबी, जैन, जीवीआर, जिंदल, मधुकॉन, एल कॉरर्सन, पीएनसी, ओएसइ, आरसीएम, दिलीप बिल्डकॉन, सीसी, झबुआ पावर और जीकेजी.
2015 में भानु कंस्ट्रक्शन को किया टेेकओवर : भानु कंस्ट्रक्शन पहले किसी और की कंपनी थी. लेकिन 2015 में इस कंपनी को संजय तिवारी और सुरेश कुमार ने टेकओवर किया. इस बात की पुष्टि कंपनी की जीएम अलका सिंह भी करती हैं.
वेबसाइट में दावा : झारखंड में ये प्राेजेक्ट किये
लातेहार-सरयू-कोटामोड़ (एसएनपी दिल्ली)
हटिया-खूंटी भाया कर्रा-लोधमा प्रोजेक्ट (केपीसीएल)
लिट्टीपाड़ा-बरहेट प्रोजेक्ट (जेवीआर इंफ्राटेक)
लातेहार-हेरहंज भाया नवादा
चास-रामगढ़ प्रोजेक्ट (दिलीप बिल्डकॉन)
जैना मोड़-डुमरी प्रोजेक्ट
लातेहार-सरयू कोटांग रोड
सिकनी एनएच 75 से रिचू गढ़ा रेलवे स्टेशन रोड
रामगढ़-चास ड्रेन वर्क
मिर्जा चौकी-सिमरा प्रोजेक्ट