साहिल फिर से जबरन उसका यौन शोषण करने लगा. विरोध करने पर मारपीट भी करता था. कुछ दिनों बाद इसे फिर से सरोजिनी गार्डन में रहने वाले मिनी मैडम के घर काम पर लगा दिया गया. इसके एवज में मजदूरी भी साहिल ले लेता था.
मिनी काफी अच्छी थी, जो उसकी गुजारिश पर उसे घर भेजने के लिए तैयार हो गयी. उसी के बुटिक में टेलर का काम करने वाले दुमका जिला के रहने वाले सिजाउद्दीन मिर्जा ने भी इसे घर भिजवाने में मदद की. उन्होंने ससुर के माध्यम से सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन को सुबोध यादव के माध्यम से जानकारी दी. सीडब्ल्यूसी दुमका के चेयरपर्सन अमरेंद्र यादव ने बताया कि बालिका केवल अपना गांव और बगल के एक गांव का नाम बता पा रही थी. सीडब्ल्यूसी ने बालिका के पिता को खोज निकाला, जो पाकुड़िया थाना क्षेत्र का निकला. बच्ची को सुरक्षित वापस लाने में कामयाब रही.