रांची: गढ़वा के जिला जज पंकज श्रीवास्तव ने सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी फहीम किरमानी की अदालत में सरेंडर किया. सरेंडर करने के बाद उन्होंने जमानत याचिका दायर की. अदालत में दस-दस हजार रुपये के दो बेल बांड भरने के बाद निलंबित जज को जमानत दे दी गयी. पंकज श्रीवास्तव रंजीत कोहली मामले […]
रांची: गढ़वा के जिला जज पंकज श्रीवास्तव ने सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी फहीम किरमानी की अदालत में सरेंडर किया. सरेंडर करने के बाद उन्होंने जमानत याचिका दायर की. अदालत में दस-दस हजार रुपये के दो बेल बांड भरने के बाद निलंबित जज को जमानत दे दी गयी. पंकज श्रीवास्तव रंजीत कोहली मामले में आरोपी हैं.
उन पर रंजीत कोहली अौर उसकी मां कौशल रानी को फरार होने में मदद करने का आरोप है. राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव ने आरोप लगाया था कि उसके पति रंजीत सिंह कोहली ने उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया था. उसे प्रताड़ित भी करता था. रंजीत कोहली के खिलाफ तारा शाहदेव ने हिंदपीढ़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके बाद रंजीत और उसकी मां कौशल्या रानी फरार हो गये थे.
फरारी के दौरान रंजीत को गढ़वा में जिला जज रहे पंकज श्रीवास्तव ने संरक्षण दिया. भागने में भी उन्होंने रंजीत व उसकी मां को मदद की थी. जांच के क्रम में इसका खुलासा हुआ था. सीबीआइ ने इस मामले में जिला जज पर अापराधिक षड्यंत्र एवं अपराधी को संरक्षण देने का आरोप लगाया है.
रीविजन याचिका वापस ली : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश दिवाकर पांडेय की अदालत में गढ़वा के निलंबित जिला जज पंकज श्रीवास्तव की रीविजन याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान उन्होंने रीविजन याचिका वापस ली. सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी फहीम किरमानी की अदालत में पंकज श्रीवास्तव ने आवेदन दिया था कि उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने से मुक्त रखा जाये. उनके आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया. इसी के खिलाफ उन्होंने सीबीआइ के विशेष न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय की अदालत में रीविजन याचिका दाखिल की थी.