हालांकि हत्या के विरोध में जुटे आसपास के लोगों ने शव को पुलिस द्वारा उठाने का विरोध किया. इसके बाद कोतवाली थाना प्रभारी श्यामानंद मंडल और सिटी एसपी अमन कुमार वहां पहुंचे. जांच के लिए डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीम को बुलाया. डॉग स्क्वायड की टीम घटनास्थल के आसपास की जगह को सूंघते हुए हरमू बाइपास स्थित एक शराब की दुकान तक पहुंची, लेकिन अपराधियों का सुराग नहीं मिला. एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से खून के नमूने सहित अन्य सामान जांच के लिए जब्त किये हैं.
जांच के बाद पुलिस ने उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शव को अपने कब्जे में कर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. खबर लिखे जाने तक हत्या की वजह और अपराधियों के बारे में पुलिस को सुराग नहीं मिले थे. पुलिस को आशंका है कि शहबाज अली के परिचित लोगों ने ही आपसी रंजिश में घटना को अंजाम दिया है. पुलिस ने हत्या की घटना को लेकर शहबाज अली के पिता मो सलीम उर्फ कपिल के बयान पर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है. शहबाज अली को अंतिम बार मोती मसजिद के पास शुक्रवार की रात 9.30 बजे देखा गया था.
इधर, हत्याकांड की घटना के बाद कोतवाली थाना पहुंचे मो सलीम रोते हुए पुलिस से कहने लगे कि उनके बेटे की हत्या अपराधियों ने नृशंस तरीके से की है. ऐसी हत्या उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखी थी. घटना में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. मो सलीम ने बताया कि उनके चार बेटे और पांच बेटियां हैं. जिसमें शहबाज सबसे बड़ा था. वह कुछ भी काम मिलने पर कर लेता था, लेकिन पिछले दो माह से गलत संगति में आकर गांजा और सिगरेट पीने लगा था. वह शुक्रवार की रात आठ बजे घर आया, उसकी मां ने जब खाने के लिए कहा, तब वह कहीं चला गया. यह कहते हुए कि वह थोड़ी देर में आ रहा है. जब वह देर रात तक नहीं लौटा, तब उसे तलाशने का प्रयास किया गया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. सुबह में कुछ लोगों ने सरना स्थल के पास एक शव होने की जानकारी मो सलीम को दी. जब वह सरना स्थल के समीप पहुंचे, तब उन्होंने शव की पहचान अपने पुत्र के रूप में की. पुलिस के अनुसार घटना के आसपास की गली में सीसीटीवी लगा है. इसकी जांच की जा रही है, ताकि आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.