मुसाबनी : सोमवार को सिल्कोसिस पीड़ित केंदाडीह निवासी वासुदेव भकत (49 वर्ष) की मौत हो गयी. वासुदेव पिछले कुछ वषों से सिल्कोसिस से पीड़ित थे. आर्थिक परेशानी के कारण उनका इलाज नहीं हो पा रहा था. वासुदेव करीब चार वर्ष तक केंदाडीह में एक सफेद पत्थर के क्रशर में कार्यरत थे. इसी दौरान वह बीमार हुए. ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एसोसिएशन ऑफ झारखंड (ओसाज) के महासचिव समित कर के अनुसार 2012 में एक्सरे से वासुदेव की सिल्कोसिस पीड़ित होने की बात पता चली थी. उनके साथ काम करने वाले 19 और मजदूर सिल्कोसिस से पीड़ित हैं और जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं. 135 पीड़ित मजदूरों की जांच ही नहीं हुई है.
अब तक 41 की मौत
ओसाज के अनुसार मुसाबनी प्रखंड में उक्त क्रशर में काम करने के दौरान सिल्कोसिस से पीड़ित होकर 2002 से अब तक 41 मजदूरों की मौत हो चुकी है. 2013 में सिल्कोसिस से पांच मजदूरों की मौत हुई थी. तीन जुलाई को तेरेंगा के पोरान मुमरू, चार अगस्त को धोबनी के पोदनो मुमरू, 18 अगस्त को बादिया के शंकर गिरी, 18 दिसंबर को मुसाबनी रांगामाटिया के सिराम मुंडा तथा 30 दिसंबर को धोबनी के सालखू मुमरू की सिल्कोसिस से मौत हो गयी थी.