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जिले में नहीं है कैंसर के इलाज की व्यवस्था
समय पर इलाज होने से पाया जा सकता है बीमारी पर काबू हाजीपुर : कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की जरूरत है. कैंसर पीड़ित मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या मानव सेहत के लिए खतरे की घंटी बजा रही है. खाद्य पदार्थों में रासायनिक खाद एवं जहरीले कीटनाशकों […]
समय पर इलाज होने से पाया जा सकता है बीमारी पर काबू
हाजीपुर : कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की जरूरत है. कैंसर पीड़ित मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या मानव सेहत के लिए खतरे की घंटी बजा रही है. खाद्य पदार्थों में रासायनिक खाद एवं जहरीले कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग, तंबाकू और गुटखे का सेवन, अनियमित खान-पान आदि कारणों से विभिन्न प्रकार के कैंसर से लोग ग्रसित हो रहे हैं.
हालांकि कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका सही समय पर इलाज शुरू हो जाये, तो इससे पीड़ित मरीज को ठीक किया जा सकता है. विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर चिकित्सकों ने ये विचार प्रकट किये हैं. चिकित्सकों के अनुसार महिलाओं में बच्चेदानी, स्तन, ओवेरी का कैंसर सामान्य तौर पर पाया जाता है. स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रियंका कुमारी कहती हैं कि इनमें से किसी भी प्रकार के कैंसर में यदि महिलाएं थोड़ा भी जागरूक हों, तो वे इस रोग से शत-प्रतिशत निजात पा सकती हैं. वहीं पुरुषों में फेफड़े, लीवर, आंत, प्रोस्टेट और मुंह का कैंसर तथा हड्डी का सारकोमा कॉमन है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ यूपी वर्मा ने बताया कि तंबाकू और नशे का सेवन मुंह एवं फेफड़े के कैंसर का कारण बनता है. इन आदतों को छोड़ कर कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है.
विश्व कैंसर दिवस पर शनिवार को सदर अस्पताल में चिकित्सा शिविर लगाया जायेगा. साथ ही जिले के बिदुपुर में वार्ड नंबर-2 के महादलित टोले में भी शिविर लगाया जायेगा. सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन ने बताया कि दोनों शिविरों में महिला और पुरुष चिकित्सकों के अलावा पारा मेडिकल स्टाफ मौजूद रहेंगे. सदर अस्पताल में शिविर का आयोजन ओपीडी में स्थित एनसीडी क्लिनिक के निकट होगा.
शिविर में मरीजों की काउंसेलिंग की जायेगी और उन्हें उचित परामर्श दिये जायेंगे. कैंसर पीड़ित मरीजों को आवश्यक जांच एवं इलाज के लिए पीएमसीएच या संबंधित अस्पताल में जाने की सलाह दी जायेगी.
कैंसर पीड़ितों को मिलेगी सहायता
जिले के कैंसर पीड़ित मरीजों को इलाज कराने के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से सहायता दी जायेगी. सिविल सर्जन ने बताया कि इस कोष से कैंसर रोगियों को शल्य चिकित्सा के लिए राज्य के अंदर 40 हजार और राज्य के बाहर ऑपरेशन कराने पर 60 हजार रुपये की सहायता दी जाती है.
वहीं, शल्य चिकित्सा रहित इलाज के लिए राज्य के अंदर इलाज कराने पर 20 हजार और राज्य के बाहर 25 हजार रुपये की सहायता मिलेगी. इसके लिए रोगियों को संबंधित चिकित्सा संस्थान से एस्टिमेट बनवा कर लाना होगा, जिसे यहां से अनुशंसा के साथ निदेशक प्रमुख को भेजा जायेगा. वहां से संबंधित अस्पताल के नाम चेक जारी किये जायेंगे.
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