दुखद. प्रेमिका के परिजनों ने ले ली वीरचंद्र जान, परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल, हर किसी की आंखें हुईं नम
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प्रेमिका का कॉल आने पर खाना छोड़ पहुंचा था वीरचंद्र
दुखद. प्रेमिका के परिजनों ने ले ली वीरचंद्र जान, परिजनों का रो-रो कर हुआ बुरा हाल, हर किसी की आंखें हुईं नम हाजीपुर/महुआ : महुआ के शर्मा गांव में प्रेमिका के परिजनों द्वारा प्रेमी की हत्या कर दिये जाने की घटना से क्षेत्र के हर एक लोगों की आंखें नम हो जा रही हैं. वीरचंद्र […]
हाजीपुर/महुआ : महुआ के शर्मा गांव में प्रेमिका के परिजनों द्वारा प्रेमी की हत्या कर दिये जाने की घटना से क्षेत्र के हर एक लोगों की आंखें नम हो जा रही हैं. वीरचंद्र को क्या पता था कि रविवार की रात घर में बहन की हाथों से बनी रोटी उसकी आखिरी रोटी होगी. दर्द भरी याद जब उसकी बहन को आती थी, तब वह दहाड़ मार कर रोती हुई शव से लिपट जा रही थी. यह दृश्य देख वहां मौजूद हर एक लोगों का दिल दहल जाता था. वीरचंद्र ही पूरे परिवार का एकमात्र सहारा था. तीन भाई -बहनों में वीरचंद्र सबसे बड़ा था. इंटर की पढ़ाई के साथ-साथ वह टेंपो चला कर कुछ रुपये अर्जित करता था और उसी से उसके परिवार का भरण-पोषण चलता था.
पिता रामरत्न ठाकुर छपरा में रहते हैं. रविवार की शाम छह बजे वे छपरा से घर पहुंचे थे. उन्होंने पहले वीरचंद्र को खाना खिलाने के लिए बेटी को कहा था. पिता का आदेश मिलते ही बहन ने रोटी बना कर भाई को खिलाया था. इसी दौरान उसके मोबाइल पर प्रेमिका का फोन आया था. वह खाना छोड़ घर से निकल ही रहा था कि पिता द्वारा पूछे जाने पर वह कुछ जवाब देते हुए बिना वहां से चुपचाप निकल गया था. देर रात तक जब वीरचंद्र घर नहीं लौटा, तो मां-बाप और बहन घंटों इंतजार करने के बाद सोने चले गये. घरवालों को क्या पता था कि उसकी हत्या कर दी गयी है. इन चार दिनों में परिजन रिश्तेदारों और संभावित स्थानों पर वीरचंद्र का सुराग ढूंढ़ने में लगे हुए थे.
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