हाजीपुर : लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की 129वीं जयंती के अवसर पर चार दिवसीय नाट्य समारोह नटलीला 2016 का रविवार को शुभारंभ हुआ. पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित यह नाट्योत्सव 17 दिसंबर को प्रेस छायाकार आदित्य प्रकाश मंजन की सड़क दुर्घटना में मौत के गम में स्थगित कर दिया गया था.
रविवार को स्थानीय आम्रपाली भवन में नटलीला 2016 का उद्घाटन अनुमंडल पदाधिकारी एवं वैशाली कला मंच के अध्यक्ष रविंद्र कुमार, नगर परिषद के सभापति हैदर अली, युवा जदयू के नेता सिद्धार्थ पटेल, राष्ट्रीय युवा विकास परिषद के अध्यक्ष किसलय किशोर एवं आयोजक संस्थाओं के प्रमुखों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. नाट्योत्सव की शुरुआत भिखारी ठाकुर द्वारा रचे गये गीतों की प्रस्तुति के साथ हुई. डिवाइन सोशल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन, पटना द्वारा निर्माण कला मंच, पटना एवं निर्माण रंगमंच, हाजीपुर के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
नाट्योत्सव की पहली शाम दो नाटकों की प्रस्तुति हुई. हाजीपुर की संस्था निर्माण रंगमंच के कलाकारों ने क्षितिज प्रकाश के निर्देशन में नाटक ‘अपना शहर ये’ का मंचन किया. दूसरे नाटक ‘फंदी’ का मंचन डिवाइन, पटना के कलाकारों ने किया. इस नाटक की परिकल्पना और निर्देशन जफर आलम का था. नाटक ‘अपना शहर ये’ अभिनय कर रहे कलाकारों से जुड़े सपनों के टूटने की सात कहानियों का संयोजन है. किसी का बेटा अभियंता क्यों नहीं बन पाता? एक युवती डॉक्टर क्यों नहीं बन पाती? कोई खिलाड़ी एथलीट बनने का सपना क्यों नहीं पूरा कर पाता? ऐसे ही सवालों से जूझता है यह नाटक. युवा अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं और इन सवालों से लड़ने के लिए निकल पड़ते हैं. यही नाटक का सार है. नाटक में अमित कुमार जिमी, अर्श्व जोशी, राजा, गुलशन कुमारी, शिवम सोनी, सोनू कुमार, रोशन कुमार, रणधीर कुमार प्रभाकर, उमेश तिवारी, कुमार आनंद, सुजीत कुमार, बीएन सूर्या, अंजलि कुमारी आदि कलाकारों ने अभिनय किया. नाटक की प्रकाश परिकल्पना जीवेश कुमार सिंह, पार्श्व संगीत पलक राय, वस्त्र विन्यास इंदु कौशल, सह निर्देशन पुष्पम एवं प्रियंका का था. कार्यक्रम में प्रस्तुत दूसरा नाटक ‘फंदी’ एक ऐसे युवक की है जो कैंसर की अंतिम अवस्था में दर्द से कराहते और तड़पते अपने बूढ़े पिता को गला घोंट कर मार देता है. नाटक में फंदी की भूमिका जफर आलम, वकील की भूमिका मुकेश कुमार राहुल और वार्डर का रोल मो शहंशाह ने बखूबी निभायी.