क्लिनिकों में लटके ताले
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विरोध मार्च . होमियोपैथिक डॉक्टरों की हड़ताल जारी , लौटे मरीज
क्लिनिकों में लटके ताले होमियोपैथिक डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही. इस दौरान डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. हड़ताल के कारण क्लिनिकों में ताले लटके रहे. जिले के करीब सात सौ मरीज बिना इलाज कराये लौट गये. गोपालगंज : नयी शराब नीति के तहत होमियोपैथिक क्लिनिक में अल्कोहल रखने पर सरकार द्वारा लगाये गये […]
होमियोपैथिक डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को भी जारी रही. इस दौरान डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया. हड़ताल के कारण क्लिनिकों में ताले लटके रहे. जिले के करीब सात सौ मरीज बिना इलाज कराये लौट गये.
गोपालगंज : नयी शराब नीति के तहत होमियोपैथिक क्लिनिक में अल्कोहल रखने पर सरकार द्वारा लगाये गये प्रतिबंध को लेकर होमियोपैथिक डॉक्टर मंगलवार से हड़ताल पर हैं. बुधवार को भी डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखते हुए शहर की सड़कों पर विरोध मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन करनेवालों में डॉ केडी प्रसाद, डॉ अशेष कुमार दूबे, डॉ मनोज कुमार तिवारी, डॉ जेड रहमान, डॉ कृष्णकांत कुमार, डॉ आरएस प्रसाद, डॉ सोमनाथ कोले सहित होमियोपैथ के सभी डॉक्टर शामिल थे. होमियोपैथिक डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण दूसरे दिन भी क्लिनिकों में ताले लटके रहे. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार होमियोपैथिक दवा को दारू नाम दे रही है, जो होमियोपैथ के जन्मदाता की आत्मा को कष्ट पहुंचाने के समान है.
होमियोपैथ के लिए सरकार को नीति में बदलाव लाना चाहिए.
मरीजो की बढ़ीं मुश्किलें : होमियोपैथिक डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. हड़ताल के दूसरे दिन सात सौ से अधिक मरीज जिले के विभिन्न क्लिनिकों से वापस लौट गये. गौरतलब है कि असाध्य बीमारी जैसे गैस्टिक, चर्म रोग, अल्सर, पथरी सहित दर्जनों बीमारियों का इलाज मरीज होमियोपैथ में कराते हैं. हड़ताल से इनका इलाज बंद है.
क्या है नया नियम
नयी शराब नीति के तहत होमियोपैथ दुकानों पर अल्कोहलयुक्त दवाइयां 30 मिली की पैकिंग में रखनी हैं. इससे अधिक की पैकिंग प्रतिबंधित है.
साथ ही दवा में अल्कोहल की मात्रा भी निर्धारित की गयी है, जिससे होमियोपैथिक डॉक्टरों में नाराजगी है.
एक नजर में होमियोपैथ चिकित्सा व्यवस्था
होमियोपैथिक क्लिनिक की संख्या-1150
होमियोपैथिक दवा दुकान की संख्या -1230
प्रतिदिन आनेवाले मरीजों की संख्या – 8500 से 10 हजार
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