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पकड़ी गयी 11 लाख की अवैध निकासी

हाजीपुर/सहदेई बुजुर्ग : राजकीय स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग में कार्यरत एक मैसेंजर अवधेश कुमार सिंह की करतूत परत-दर-परत खुलती जा रही है. जांच की प्रथम कड़ी में ही जिला कोषागार से उसके द्वारा 11 लाख रुपये की अवैध निकासी का मामला पकड़ में आया है. सिविल सर्जन समेत कई अधिकारियों के फरजी हस्ताक्षर कर सरकारी […]

हाजीपुर/सहदेई बुजुर्ग : राजकीय स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग में कार्यरत एक मैसेंजर अवधेश कुमार सिंह की करतूत परत-दर-परत खुलती जा रही है. जांच की प्रथम कड़ी में ही जिला कोषागार से उसके द्वारा 11 लाख रुपये की अवैध निकासी का मामला पकड़ में आया है. सिविल सर्जन समेत कई अधिकारियों के फरजी हस्ताक्षर कर सरकारी खजाने में सेंधमारी करने में माहिर मैसेंजर ने गत वर्ष ही यहां कार्यरत दो एएनएम के नाम पर क्रमश आठ लाख और तीन लाख रुपये की अवैध निकासी करने में सफल हो गया था.

सिविल सर्जन ने जांच के दौरान पकड़ी गड़बड़ी : सिविल सर्जन डाॅ इंद्रदेव रंजन ने एसीएमओ के साथ शुक्रवार को सहदेई पीएचसी पहुंच कर जब मामले की जांच प्रारंभ की, तो पहले ही दिन 11 लाख की अवैध निकासी का मामला पकड़ में आ गया. यक्ष्मा विभाग में मैसेंजर अवधेश सिंह ने मजरोही उर्फ शहरिया पंचायत की एएनएम मंजु कुमारी के भविष्य निधि खाते से आठ लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली, वहीं एएनएम कुमारी आशा के खाते से तीन लाख रुपये की निकासी की गयी है. यह रकम करीब एक साल पहले ही निकाली गयी है.

अपने ही बैंक खाते में स्थानांतरित कराये रुपये : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अजीत कुमार तिवारी ने बताया कि पीएचसी के लिपिक लालबाबू प्रसाद की कमजोरी का फायदा उठा कर मैसेंजर रहते हुए भी लिपिक का काम करनेवाले शातिर अवधेश सिंह ने अवैध निकासी कराये गये रुपयों को अपने ही बैंक खाते में स्थानांतरित करा लिया. इस बात का खुलासा पीएचसी में उपलब्ध वाउचर की जांच से हुआ. करीब तीन घंटे की जांच के क्रम में यह बात भी सामने आयी है कि शातिर ने कई कागजात में लिपिक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और यहां तक कि सिविल सर्जन का भी जाली हस्ताक्षर बना कर घोटाले को अंजाम दिया है.

12 लाख निकासी के प्रयास में पकड़ाया मामला : जिला कोषागार से एक एएनएम के भविष्य निधि से 12 लाख रुपये के फर्जी बिल का मामला मंगलवार को प्रकाश में आने के बाद जिला कोषागार पदाधिकारी के प्रयास से यह फर्जीवाड़ा सामने आया था. डीएम रचना पाटील ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए सिविल सर्जन को आदेश दिया था.

स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मी की करतूत से इस बात का खुलासा होता है कि सरकारी कर्मियों का एक गिरोह है, जो आर्थिक अपराध के कृत्यों को अंजाम दे रहा है. डीएम ने तत्काल सिविल सर्जन डाॅ इंद्रदेव रंजन को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा.

नूतन मिश्रा के खाते से निकासी का प्रयास : एएनएम नूतन मिश्रा सहदेई बुजुर्ग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित हैं. वह पिछले एक साल से पोहियार में ड्यूटी कर रही है.

उसके ही भविष्य निधि फंड से 12 लाख रुपये की निकासी के लिए जिला कोषागार में बिल जमा कराया गया था. एएनएम का कहना है कि उनके विभागीय कर्मी ही उनके साथ धोखाधड़ी करने में लगे हैं. कार्यालय के बाबुओं पर पहले भी एरियर का एक लाख रुपये हजम कर लेने का आरोप लगाती हुई नूतन मिश्रा कहती हैं कि इसकी गहन जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो.

एएनएम से जबरन हस्ताक्षर लेने का प्रयास : एएनएम का कहना है कि मेरे नाम से भेजे गये बिल में जिस बेटी की शादी का हवाला दिया गया है, उसकी शादी बहुत साल पहले हो चुकी है.

एएनएम बताया कि बुधवार की सुबह लिपिक अवधेश सिंह ने आकर सादे कागज और भविष्यनिधि के कागजात पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की, लेकिन मैने दस्तखत नहीं किये. इस बीच एएनएम मंजू कुमारी एवं कुमारी आशा ने भी सिविल सर्जन तथा पीएचसी प्रभारी को आवेदन देकर मामले की जांच करा कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

क्या कहते हैं अधिकारी

मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है. फर्जीवाड़ा कहां और कैसे हुआ है. आगे की जांच में और भी तथ्य सामने आ सकता है. पीएचसी के सारे वाउचर और संबंधित कागजात को लिया गया है. इनकी गहन जांच की जायेगी. सभी बिंदुओं पर जांच होगी. दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.

डॉ इंद्रदेव रंजन, सिविल सर्जन

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