हाजीपुर : नगर के गांधी आश्रम में बुधवार को सरेशाम घटी डकैती के मामले में नगर पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. विदित हो कि बुधवार की शाम पांच बजे समस्तीपुर जिले के रोसड़ा में पदस्थापित प्रखंड कृषि पदाधिकारी और गांधी आश्रम मुहल्ला निवासी हरि शंकर प्रसाद सिंह के मकान में उनकी […]
हाजीपुर : नगर के गांधी आश्रम में बुधवार को सरेशाम घटी डकैती के मामले में नगर पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. विदित हो कि बुधवार की शाम पांच बजे समस्तीपुर जिले के रोसड़ा में पदस्थापित प्रखंड कृषि पदाधिकारी और गांधी आश्रम मुहल्ला निवासी हरि शंकर प्रसाद सिंह के मकान में उनकी पत्नी को पिस्टल के बल पर बंधक बना कर अपराधियों ने डकैती की थी.
घटना की सूचना मिलते ही नगर पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली, लेकिन घटना के 24 घंटे के बाद भी इस मामले में कोई सुराग पाने में विफल रही है.
टेंपोचालक हत्याकांड में नहीं हुई कोई गिरफ्तारी : नगर के लोदीपुर मुहल्ले में मामूली विवाद के बाद टेंपो चालक राकेश कुमार की पीट-पीट कर की गयी हत्या के मामले में भी पुलिस अब तक किसी अभियुक्त को गिरफ्तार करने में विफल है. विदित हो कि हत्याकांड के बाद आरोपितों द्वारा की गयी गोलीबारी में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे,
जिनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है. तीनों ही मामलों में लगभग एक दर्जन लोग आरोपित किये गये हैं. आरोपितों में से एक वीरेंद्र कुमार उर्फ शिवजी राय स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी हीं नहीं कर्मचारी संघ और महासंघ के नेता भी हैं. हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध के अपराधियों की गिरफ्तारी की नगर पुलिस की उपेक्षा के कारण आम लोग यह मानने लगे हैं कि समरथ को नहीं दोष गोसाई के रास्ते पर चलती है नगर पुलिस. विदित हो कि हत्या के आरोपित उजियारपुर के भाजपा सांसद नित्यानंद राय के निकट संबंधी हैं.
चल रहा निलंबन का खेल : हत्याकांड में गिरफ्तारी के संबंध में पूछे जाने पर नगर थानाध्यक्ष डाॅ शंकर कुमार झा ने बताया कि अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई हैं और आरोपितों में से एक सरकारी कर्मचारी है और सदर अस्पताल में पदस्थापित है. उसके निलंबन के लिए जिला पदाधिकारी और सिविल सर्जन को लिखा गया है,
लेकिन अब तक निलंबन नहीं हुआ है. इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन वैशाली डाॅ इंद्रदेव रंजन ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को नियमानुसार तब निलंबित करते हैं जब वह किसी मामले में गिरफ्तार हो जाता है. वीरेंद्र कुमार की गिरफ्तारी की कोई सूचना विभाग को नहीं है, इसलिए निलंबन का कोई सवाल पैदा नहीं होता है.