आरएसएस के संघ चालक मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान से तेज हुई आरक्षण राजनीति
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आरक्षण के सवाल पर शुरू हुई जंग
आरएसएस के संघ चालक मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान से तेज हुई आरक्षण राजनीति पक्ष-विपक्ष में शुरू हुई गोलबंदी आरक्षण का आधार आर्थिक बनाये जाने की मांग को लेकर क्षत्रिय महासभा ने की दिल्ली में महाधरना की घोषणा अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ ने नुक्कड़ सभाओं में की भागवत के बयान की निंदा और दी […]
पक्ष-विपक्ष में शुरू हुई गोलबंदी
आरक्षण का आधार आर्थिक बनाये जाने की मांग को लेकर क्षत्रिय महासभा ने की दिल्ली में महाधरना की घोषणा
अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ ने नुक्कड़ सभाओं में की भागवत के बयान की निंदा और दी आरक्षण को हाथ नहीं लगाने की चेतावनी
आरक्षण बचाओ-देश बचाओ के नारे के साथ शुरू हुआ मार्च
हाजीपुर : आरएसएस के संघचालक मोहन भागवत द्वारा आरक्षण की समीक्षा की बात कहे जाने के बाद आरक्षण के विरोधी और समर्थक दोनों खुल कर सामने आ गये हैं और अपनी मांगों के समर्थन में बात कहने लगे हैं.
लगातार आरक्षण का विरोध कर रहे लोगों को भी श्री भागवत के इस बयान से नयी जिंदगी मिली है और वे इसे समाप्त करने की मांग करने लगे हैं. अभी आरक्षण को समाप्त करने की मांग करने वाले जहां बंद कोठरी में बैठक तक सीमित हैं, वहीं इसे बनाये रखने के समर्थक रविवार को सड़कों पर उतरे और नुक्कड़ सभा के माध्यम से आगाह किया कि संगठन इसे समाप्त करने की हर साजिश का डट कर मुकाबला करेगें.
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की जिला इकाई ने एक बैठक कर कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक बनाये जाने की मांग को लेकर वे नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर 22 नवंबर को धरना देंगे.
जिलाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की अध्यक्षता में संपन्न एक बैठक में कहा गया कि यदि सरकार ने शीघ्र आरक्षण की समीक्षा नहीं की, तो पूरे देश में आंदोलन किया जायेगा. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर देवेंद्र प्रसाद सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ दामोदर सिंह, रमैया सिंह, प्रो अनिल कुमार सिंह, हरि नारायण सिंह, डाॅ रघुराज सिंह, डाॅ उमेश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.
दूसरी ओर अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ की जिला इकाई ने अन्य दलित संगठनों के साथ मिल कर शहर के विभिन्न चौराहों पर नुक्कड़ सभा की और केंद्र सरकार को आगाह किया है.
नेताओं ने कहा कि इस देश की 90 प्रतिशत आबादी दलित और पिछड़े समुदाय की है, लेकिन मुठ्ठी भर लोग उनके हिस्से को लंबे समय तक हजम करते रहे और जब नब्बे के दशक में पिछड़ों में चेतना जगी और लोग अपने हक के लिए सड़कों पर आये, तब उनका हिस्सा मिला, वह भी आधा-अधूरा. संघ एवं अांबेडकर विकास मंच के तत्वावधान में अांबेडकर नगर से निकला मार्च सुभाष चौक होते हुए राजेंद्र चौक पहुंच नुक्कड़ सभा की, फिर गांधी चौक पर सभा की.
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