महनार.: आरपीएस कॉलेज चकेयाज महनार में कु व्यवस्था चरम पर पहुंच गयी है. सीएलसी पर क्लर्क की जगह गैर कॉलेज कर्मी हस्ताक्षर करता है. कॉलेज में 7198 छात्र हैं. वहीं सभी संकायों में पढ़ाने के लिए मात्र चार प्रोफेसर हैं. वह भी कभी-कभी आते हैं. बिन पढ़े ही छात्र परीक्षा देने को मजबूर हैं. रजिस्ट्रेशन और नामांकन फॉर्म के लिए अधिक राशि छात्रों से वसूली जाती है.
छात्रों का कहना है कि पूछने पर प्राचार्य बताते हैं कि उन्हें मालूम नहीं कितनी राशि लेनी है. इन समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में छात्रों ने मंगलवार को कॉलेज में हंगामा किया. इस पर प्राचार्य ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस वालों ने भी छात्रों की मांगे जायज ठहरा दीं.
हमेशा होता रहता है हंगामा : आरपीएस कॉलेज में शायद ही कोई ऐसा दिन होगा, जिस दिन हंगामा नहीं होता है. छात्रों के अनुसार कॉलेज हमेशा बंद रहता है. पूछने पर प्राचार्य कॉलेज के खुले होने का कागज दिखाते हैं.
नामांकन के लिए जांच परीक्षा ली गयी. इसके बावजूद सफल छात्रों का नामांकन नहीं हो रहा है. बच्चे शिकायत कर-कर थक चुके हैं. बिना पैसा का कोई भी काम कॉलेज में होता ही नहीं है. सीएलसी पर हस्ताक्षर क्लर्क की जगह गैर कॉलेज कर्मी करता है.
शिकायत पर पल्ला झाड़ लेते प्राचार्य : वहीं जब छात्र शिकायत करते हैं, तो प्राचार्य कहते हैं कि पुरानी व्यवस्था है.
कॉलेज में पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने, प्रोफेसर एवं कर्मियों की व्यवस्था करने आदि पर अपना पल्ला झाड़ प्राचार्य अपनी कमी छुपाने के लिए पुलिस एवं प्रशासन को बुलाना पसंद करते हैं. लोगों का कहना है कि अगर छात्रों की हकमारी नहीं रोकी गयी तो हंगामा होता रहेगा.
राजनीतिज्ञों का हस्तक्षेप भी बेअसर : छात्रों की समस्या अब राजनीतिक दलों के बीच पहुंच चुकी है. हिंदुस्तानी आवाम मोरचा के जिला उपाध्यक्ष कुंदन कुमार सिंह, कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष राम नरेश सिंह, राजद के प्रदेश महासचिव इ रवींद्र कुमार सिंह, जदयू के धीरेंद्र कुमार सिंह, भाजपा के राजू कुमार सिंह समेत लगभग सभी पार्टियों के नेता कॉलेज पहुंच कर छात्रों की समस्या से रू-ब-रू हो चुके हैं. प्राचार्य से समस्या का निदान की मांग भी वे लोग कर चुके हैं. परंतु समस्या कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है. इसके कारण छात्रों का आक्रोश दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
कॉलेज में छात्रों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन शिक्षक एवं कर्मियों की समस्या है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पांच रिटायर्ड शिक्षकों को अनुबंध पर रख कर शिक्षण कार्य नियमित रूप से चलाया जा रहा है. अन्य समस्याएं भी हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. शिक्षकों के लिए विश्वविद्यालय को भी लिखा गया है.
डॉ विनोद कुमार, प्राचाय