हाजीपुर: इस वर्ष 31 जुलाई से ही श्रवण माह शुरू हो रहा है. इसके साथ ही शुरू हो जायेगा जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करने का दौड़. आषाढ़ पूर्णिमा स्नान के बाद श्रवण शुरू हो जायेगा. साथ ही विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु नारायणी नदी और गंगा नदी से जलभरी कर सोमवार को जलाभिषेक करेंगे. श्रवण शुरू होने में दो दिन बचे हैं, लेकिन ऐतिहासिक नारायणी नदी के घाटों की स्थिति ठीक नहीं है. श्रवण माह के लिए कोई प्रशासनिक व्यवस्था नजर नहीं आती. स्थानीय लोग ही सुरक्षा को लेकर सजग दिखते हैं. हालांकि अधिकतर श्रद्धालु पहलेजा घाट से जल उठाते हैं.
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बोल बम के नारों से गूंजेंगे शिवालय
हाजीपुर: इस वर्ष 31 जुलाई से ही श्रवण माह शुरू हो रहा है. इसके साथ ही शुरू हो जायेगा जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करने का दौड़. आषाढ़ पूर्णिमा स्नान के बाद श्रवण शुरू हो जायेगा. साथ ही विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु नारायणी नदी और गंगा नदी से जलभरी कर सोमवार को जलाभिषेक करेंगे. […]
शिवालयों में उमड़ती है भक्तों की भीड़ : जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु जिले भर से स्थित प्राचीन शिवालयों के अलावा मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीब नाथ, देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम, सोनपुर स्थित हरिहर नाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करते हैं. हर सोमवारी को जलाभिषेक के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है. नगर की बात करें, तो बाबा पतालेश्वर नाथ मंदिर, अनवरपुर, स्टेशन चौक, राजपूत नगर कॉलोनी स्थित शहर के सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है.
जिले के वैशाली स्थित चतुभरुज महादेव, पातेपुर, महुआ, देसरी, बिदुपुर स्थित प्राचीन मंदिरों में भी जलाभिषेक के लिए लोग जल उठाते हैं. जलाभिषेक के लिए जल भरने में मात्र 48 घंटे शेष हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है.
20-80 किलोमीटर की यात्र कर श्रद्धालु विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे. न कांवरिया पथ का निर्माण हुआ और न ही उचित रोशनी और पेयजल का. मार्ग में कहीं शौचालय भी नहीं है.
नगर के पातालेश्वर नाथ मंदिर सहित अन्य शिवालयों में जलाभिषेक के लिए नगर से लाखों श्रद्धालु प्रस्थान करते हैं. वैसे तो सामाजिक संगठन और स्थानीय स्तर पर कांवरियों की सेवा के लिए लोग तत्पर रहते हैं, लेकिन नागरिकों ने व्यवस्था की जाने की मांग की है.
बाजारों में बढ़ जाती है चहल-पहल : श्रवण को लेकर बाजारों में चहल-पहल बढ़ गयी है लोग सात्विकता स्वीकार करने लगे हैं. जलाभिषेक व कांवर यात्र के लिए जरूरी सामान की खरीद-बिक्री हो रही है. अभी संख्या कम है, लेकिन बीतते समय के साथ इसमें वृद्धि होने ही उम्मीद दुकानदारों ने व्यक्त की है. पिछले वर्ष की तुलना में इस साल सामान के मूल्य में 30-50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. दुकानदारों का मानना है कि महंगाई के साथ ही पूजा में प्रयुक्त होने वाले सामान के दाम में वृद्धि हुई है. वैसे इस बार पिछले वर्ष की तुलना में ग्राहकों की कमी अवश्य हो सकती है, लेकिन जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है.
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