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बज्जिका के विकास पर दिया गया विशेष जोर
हाजीपुर : चलू-चलू वैशाली के माटी कपार में लेपू एवं एगो टुकड़ी मेघ के आके ठहरल एहन गांव रे, बज्जिका कविता कवि साहित्यकार उमाशंकर उपेक्षित के स्वरों में प्रस्फुटित हुई कि बज्जिका संस्कृति की सोंधी खुशबू ने लोगों को मुग्ध कर दिया. मौका था बिहार राज्य बज्जिका विकास परिषद के आठवें स्थापना दिवस समारोह में […]
हाजीपुर : चलू-चलू वैशाली के माटी कपार में लेपू एवं एगो टुकड़ी मेघ के आके ठहरल एहन गांव रे, बज्जिका कविता कवि साहित्यकार उमाशंकर उपेक्षित के स्वरों में प्रस्फुटित हुई कि बज्जिका संस्कृति की सोंधी खुशबू ने लोगों को मुग्ध कर दिया.
मौका था बिहार राज्य बज्जिका विकास परिषद के आठवें स्थापना दिवस समारोह में आयोजित कवि गोष्ठी का. गोष्ठी में कवि और साहित्यकारों ने कविताओं की ऐसी रस वर्षा की विशेषकर बज्जिका कविता की कि लोग इसमें भीगते रहे और कविता पाठ होता रहा. नगर के बाबू शिवजी राय मेमोरियल में आयोजित समारोह की अध्यक्षता शिक्षाविद व आरएन कॉलेज के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो डॉ नवल किशोर प्रसाद श्रीवास्तव एवं संचालन बज्जिका के कवि हरि विलास राय एवं आयोजक मेदनी कुमार मेनन ने थे.
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि बज्जिका भाषा के उत्तरोतर विकास हेतु बज्जिकाभाषी क्षेत्र के प्रत्येक जन को बज्जिका में लिखना, बोलना एवं व्याकरण का ज्ञान प्रकाश फैलाने की जरूरत है. कवि साहित्यकार श्री उपेक्षित ने विषय प्रवेश कराते हुए कविता की प्रस्तुति की.
उपस्थित कवियों ने एक से बढ़ कर एक बज्जिका कविता प्रस्तुत की. प्रो एनएम सरस्वती ने कविता ‘लुट लेलई सोना जइसन देशवा हमार’, युवा कवि मेदनी कुमार मेनन ने कविता ‘हम्मर भाषा, तोहर भाषा, बज्जिका भाषा’, कवि हरि विलास राय ने कविता ‘किसनवा के जिनगी कठोर एवं दुखवा के मारल चैन न ओकर, ढर-ढर चुअईत लोर’ आदि सुना कर लोगों को मंत्र मुग्ध तो किया ही, समाज के विभिन्न रंगों को पेश कर भाषा लोक संस्कृति की मिठास से लोगों को सराबोर कर दिया.
इस दौरान संगीतज्ञ शीला नाथ सिंह ने बज्जिका गीत प्रस्तुत किया. युवा कवि ज्ञानेश गौतम, धर्मवीर शर्मा, सुश्री अलका, डॉ प्रतिमा, काले बादल, विनोद सिंह, वशिष्ठ नारायण, हरि नारायण ठाकुर, विमल किशोर राय, विजय कुमार विनीत आदि ने कविता पाठ कर गोष्ठी को यादगार बनाया.
अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुए डॉ श्रीवास्तव ने नेताओं की ऐसी वानगी पेश की कि श्रोता वाह-वाह कह उठे. मौके पर लाइब्रेरी संस्थापक सह पत्रकार वीर भूषण यादव, अध्यक्ष जीव नाथ सिंह, मुकेश कुमार सिंह, रामचंद्र सिंह, संजय दास सहित अनेक लोग उपस्थित थे. समारोह का समापन डॉ प्रतिमा कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.
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