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सर्पदंश से 15 दिनों में 12 की गयी जान

हाजीपुर : जिले में विगत दो महीनों के अंदर जिले में सर्पदंश की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. पिछले दो सप्ताह में ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सांप काटने से लगभग एक दर्जन लोग मारे जा चुके हैं. इनमें ज्यादातर मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं है. अकेले पातेपुर प्रखंड क्षेत्र में पांच लोगों […]

हाजीपुर : जिले में विगत दो महीनों के अंदर जिले में सर्पदंश की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. पिछले दो सप्ताह में ही जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सांप काटने से लगभग एक दर्जन लोग मारे जा चुके हैं. इनमें ज्यादातर मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं है.

अकेले पातेपुर प्रखंड क्षेत्र में पांच लोगों जानें जा चुकी है. एक सप्ताह के अंदर लालगंज प्रखंड में दो, जंदाहा में तीन, राघोपुर में दो और महनार में एक की मौत हो चुकी है. ये सिर्फ ऐसे लोग थे, जिन्हें सांप काटने के बाद अस्पतालों या चिकित्सकों के पास लाया गया. इसके अलावा मरनेवाले ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं बतायी जाती, जिनकी जान सांप काटने के बाद झाड़-फूंक के दौरान चली जाती है. मरनेवालों मंे अधिकतर महिलाएं शामिल हैं.
* झाड़-फूंक के चक्कर में जाती है जान : बीती रात सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उस वक्त चीख-पुकार मच गयी, जब सर्पदंश की शिकार एक किशोरी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. महनार थाने के लावापुर निवासी अवधेश कुमार झा की 14 वर्षीया पुत्री गौरी कुमारी को जब यहां लाया गया, तब तक उसके शरीर में जहर काफी फैल चुका था.
यदि सांप काटने के तत्काल बाद आदमी को अस्पताल पहुंचाया जाये, तो उसकी जान बचायी जा सकती है. विडंबना है कि आज भी सर्पदंश के अधिकतर मामलों में लोग झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं, जिससे आदमी की मौत हो जाती है. चिकित्सकों का कहना है कि ओझा-गुणी और अंधविश्वास ही सर्पदंश में 90 प्रतिशत मौत के लिए जिम्मेवार हैं.
* सरकारी अस्पतालों में है इलाज की व्यवस्था : सर्पदंश के शिकार व्यक्ति के लिए सदर अस्पताल समेत जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की व्यवस्था है. इन अस्पतालों में सांप के जहर को निष्प्रभावी बनानेवाले इंजेक्शन उपलब्ध है. उपचार के दौरान आदमी के शरीर में फैले सांप के जहर को निकाल दिया जाता है. सिर्फ ऐसे ही मामले में किसी की जान नहीं बच पाती, जिन्हें अस्पताल लाने में देर हो चुकी होती है.
* क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में सर्पदंश के इलाज के लिए एंटी प्वाइजन वैक्सीन उपलब्ध है. लोगों को चाहिए कि जैसे ही सांप काटने की घटना सामने आये, पीड़ित को तुरंत अस्पताल में लायें. झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें.
डॉ रामाशीष कुमार, सिविल सर्जन, हाजीपुर.

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