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एक चापाकल के भरोसे है पेयजल व्यवस्था
भीषण धूप में पसीने से तर-बतर पानी के लिए भटकते रहते हैं मरीज इस भीषण गरमी में पीने का पानी भी मयस्सर नहीं हो रहा मरीजों को. यह हाल जिले के सदर अस्पताल का है. चिलचिलाती धूप में प्यास से बिलबिलाते मरीजों और उनके परिजनों को पानी के लिए चक्कर लगाते यहां हर रोज देखा […]
भीषण धूप में पसीने से तर-बतर पानी के लिए भटकते रहते हैं मरीज
इस भीषण गरमी में पीने का पानी भी मयस्सर नहीं हो रहा मरीजों को. यह हाल जिले के सदर अस्पताल का है. चिलचिलाती धूप में प्यास से बिलबिलाते मरीजों और उनके परिजनों को पानी के लिए चक्कर लगाते यहां हर रोज देखा जा सकता है. सदर अस्पताल में कई सालों से यह समस्या बनी हुई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन लोगों को इससे निजात नहीं दिला पाया.
हाजीपुर : हाजीपुर सदर अस्पताल में हर रोज जिले भर से एक हजार से अधिक मरीज विभिन्न तरह का इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. सुदूर देहात से आनेवाले मरीजों को इलाज के लिए यहां दिन भर का समय गुजारना पड़ता है. यहां उनकी परेशानी तब और बढ़ जाती है जब प्यास बुझाने के लिए पानी भी नहीं मिल पाता. पसीने से तर-बतर मरीज पानी के लिए भटकते रहते हैं. बाजार के बोतलबंद पानी के सिवा इनके सामने कोई चारा नहीं होता. गरीब मरीज अपनी प्यास सह लेते हैं, लेकिन पानी खरीदने का सामथ्र्य नहीं जुटा पाते. खास कर वृद्ध और बच्चों के लिए परेशानी बढ़ जाती है और इनके लिए पानी जुटा पाना मुश्किल हो जाता है.
धूल फांक रहा पांच नये चापाकल का प्रस्ताव : सदर अस्पताल परिसर में पेयजल संकट को दूर करने के लिए पांच नये चापाकल लगाने का निर्णय किया गया था. पिछले साल की गरमी में ही चापाकल लगाने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को लिखा गया था.
एक साल का समय बीत जाने और इस गरमी में भी कोई निदान नहीं होता देख अस्पताल प्रबंधन ने महीनों पहले पीएचइडी को फिर से पत्र भेजा. विभाग द्वारा अब बताया गया है कि नगर पर्षद के द्वारा अस्पताल परिसर में चापाकल लगाने का काम होगा. इस तरह सदर अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर पानी जैसी बुनियादी समस्या पीएचइडी और नगर पर्षद के बीच झूल रही है. इधर, रोज सैकड़ों असहाय मरीज पानी के लिए तड़प रहे हैं.
महज एक चापाकल के सहारे है पानी की व्यवस्था : पूरे सदर अस्पताल में महज दो चापाकल हैं, जिनमें से एक का पानी पीने लायक है. दूसरे का उपयोग सिर्फ हाथ-पैर धोने के लिए किया जाता है. ये दोनों चापाकल इमरजेंसी वार्ड के निकट रेडक्रॉस कार्यालय के आसपास हैं. अस्पताल का भोजनालय, विभिन्न वार्डो में भरती मरीजों और आउटडोर में आने वाले हजारों रोगियों के लिए पानी की जरूरत सिर्फ एक चापाकल पर टिकी हुई है. पेयजल का यह इकलौता साधन भी मरीजों की पहुंच से दूर है.
क्या कहते हैं अधिकारी
अस्पताल परिसर में जो पहले से पानी की व्यवस्था है, वह आम मरीजों के लिए पर्याप्त नहीं है. यह मानते हुए प्रमुख स्थानों पर चापाकल लगाने का निर्णय किया गया है. अस्पताल प्रबंधक को इस प्रक्रिया को अंजाम देने की जिम्मेवारी दी गयी है. मुङो बताया गया है कि यह जल्द ही पूरा होने वाला है.
डॉ रामाशीष कुमार, सिविल सजर्न
चापाकल लगाने के लिए पहले भी पीएचइडी को लिखा गया था. दुबारा पत्रचार के बाद जानकारी दी गयी है कि यह काम नगर पर्षद के सुपुर्द किया गया है.
स्वास्थ्य प्रबंधक, सदर अस्पताल
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