राघोपुर.
मनरेगा में मजदूरों के नाम पर हो रही धांधली को रोकने के लिए सरकार की ओर से एनएमएमएस यानी नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सॉफ्टवेयर का प्रावधान लाया गया. इस प्रावधान के तहत मजदूरों के मेट को अपने मोबाइल में सॉफ्टवेयर अपलोड कर मजदूरों का ऑनलाइन हाजिरी बनानी होती है, लेकिन यह साॅफ्टवेयर भी भ्रष्टाचार का जरिया बन गया. इस वजह से मजदूरों की हकमारी शुरू हो गई. ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र के हरिपुर पंचायत का है। इस पंचायत में एक योजना में चार से पांच मजदूरों को ही कार्य स्थल पर 75 मजदूरों को दिखाया गया. उक्त योजना का नाम राजाजी स्थान से मनोज चौधरी के घर तक जाने वाली सड़क में मिट्टी भराई सह सुरक्षा बांध निर्माण कार्य चल रहा है. उक्त कार्य में अनियमितता की यह स्थिति है कि अभी तक योजना का साइन बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. योजना कार्य में अनियमितता की सूचना पर जब प्रभात खबर की टीम स्थल पर पहुंची तो पाया कि मात्र दो मजदूर वहां कार्य कर रहे थे. वहीं ग्रामीणों के अनुसार भी वहां प्रत्येक दिन दो या तीन मजदूर ही कार्यरत रहते हैं. जबकि प्रत्येक दिन 70 से 80 मजदूरों का एनएमएमएस बनाया जाता है. इसके अलावा कार्यस्थल पर सिर्फ कुछ जगहों पर किनारे से खेत की मिट्टी काटकर सड़क पर डाल दी गयी. एनएमएमएस बनाना मेट का काम होता है. यदि कार्य में मजदूरों के नाम पर अनियमितता बरती गयी है, तो भुगतान नहीं किया जायेगा.त्रिवेणी कुमार,
पीआरएसकहते हैं पीओ
मामला संज्ञान में नहीं है. अगर कार्य में गड़बड़ी है, तो मामले की जांचकर उचित कार्रवाई की जायेगी.
विजय कुमार नीलम, पीओ, मनरेगाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है