सुपौल : वीर लोरिक की कर्मभूमि और मां देवी वन दुर्गा स्थान हरदी चौघारा का सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक इतिहास सदियों से चर्चित रहा है. उक्त बातें आगामी 06 जून को मनाये जाने वाला लोरिक महोत्सव की सफलता को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए बुधवार को मां दुर्गा वन देवी पर्यटन स्थल निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ अमन कुमार ने कही. उन्होंने कहा कि हरदी बौद्ध धर्म के प्रचारक पालवंश के संस्थापक राजा गोपाल की उपराजधानी और सैनिक छावनी थी.
जिसके अवशेष आज भी इस धरती पर विद्यमान है. बावजूद सरकार की गलत नीतियों के कारण इस स्थल को आज तक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जा सका है. डॉ कुमार ने वीर लोरिक की गाथा से लोगों को अवगत कराते कहा कि हरदी चौघारा की इस धरती पर ही वीर लोरिक ने सामंतवाद, पूंजिवाद, कुप्रथा व असामाजिक तत्वों के विरुद्ध व्यापक लड़ाई लड़ कर शांति व्यवस्था कायम करते हुए सांस्कृतिक व समाजिक व्यवस्था की रक्षा की थी. डॉ कुमार ने बताया कि महोत्सव में कई नामचीन गायक, गायिका, लेखक व प्रशासनिक अधिकारी हिस्सा लेंगे. बैठक में शंभु कुमार, नरेश कुमार राम, महेंद्र यादव, चंदेश्वरी आिद मौजूद थे.