सुपौल : सामाजिक संस्था लोकतंत्र की आवाज के संयोजक रमेश कुमार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सरकार गांव के विकास की बात कर रही है. लेकिन पंचायती राज व्यवस्था की मजबूती केवल कागजों तक सीमित है. पंचायती राज व्यवस्था के अंदर वार्ड सदस्य काफी गरीब परिवार से ही चुने जाते हैं, लेकिन उनके लिए मानदेय या अन्य कोई सरकारी सुविधा नहीं है.
जबकि उनका अधिक से अधिक समय वार्ड के विकास में ही गुजरता है. वार्ड सदस्यों का मानदेय न्यूनतम 10 हजार रुपये करने की आवश्यकता है. तभी पंचायतों के समुचित विकास की परिकल्पना संभव है. उन्होंने पंचायत के विकास के बाबत राशि सीधे पंचायत को उपलब्ध कराने की मांग की है. कहा है कि इससे पंचायत में विकास समिति गठित कर योजनाबद्ध तरीके से विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा सकेगा.