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शराबबंदी के बाद भी जारी है शराब का कारोबार

सुपौल : सर्वविदित है कि शराबबंदी से पूर्व राज्य सरकार की आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत शराब था. बावजूद सरकार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया. मकसद साफ था कि शराब से समाज में जो विकृतियां आयी उसे ठीक करना था. जिले में पूर्ण शराबबंदी का असर भी दिखने लगा. एक तरफ […]

सुपौल : सर्वविदित है कि शराबबंदी से पूर्व राज्य सरकार की आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत शराब था. बावजूद सरकार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया. मकसद साफ था कि शराब से समाज में जो विकृतियां आयी उसे ठीक करना था. जिले में पूर्ण शराबबंदी का असर भी दिखने लगा. एक तरफ जहां शराबबंदी से आपराधिक घटनाओं में कमी आयी. वहीं समाज में शांति व्यवस्था बहाल करने में भी काफी सफलता मिली.

सरकार द्वारा कानून इतने सख्त बनाये गये कि उसके डर से नशेड़ियों की सामत आ गयी. यही कारण है कि आज शाम होते सड़क पर शराब के नशे में लड़खड़ाते पांव व शराबियों की भद्दी गाली सुनने को नहीं मिलती. बावजूद जिले में एक के बाद एक अवैध शराब कारोबारियों के साथ शराब पी कर हंगामा करने वालों का पकड़ा जाना. इस बात का द्योतक है कि जिले में आज भी अवैध शराब का कारोबार जारी है. जो कभी खुलेआम पीते थे, आज वे परदे के पीछे ही सही शराब के कारोबार कर संलिप्त हो कर शराब का मजा ले रहे हैं.

आंकड़े बताते हैं जमीनी हकीकत
पूर्ण शराबबंदी के बाद शराब व अन्य मादक पदार्थों के कारोबारियों पर उत्पाद व पुलिस विभाग द्वारा शिकंजा कसा गया. तो काफी संख्या में शराब, गांजा व अन्य नशीले पदार्थ जब्त किये गये. इस दौरान काफी संख्या में नशा का सेवन करने वाले लोगों को भी जेल में डाला गया. उत्पाद विभाग द्वारा जहां 342 गिरफ्तारियां हुई. वहीं 1839.9 लीटर देशी शराब, 163.4 लीटर चुलाई शराब, 489.9 लीटर विदेश शराब, 6.3 लीटर बीयर, 20365 लीटर छउपा व 74.1 किलो गांजा बरामद किया गया. जबकि उत्पाद अधिनियम के तहत दिसंबर 2016 तक के आंकड़ों के अनुसार पुलिस द्वारा 152 लोगों की गिरफ्तारी हुई. साथ ही 30.750 किलो गांजा, 118.900 लीटर देशी शराब और 4426.56 लीटर विदेश शराब जब्त किया गया.
कहां से आती है शराब ?
जिले में पूर्ण शराबबंदी के बाद बड़े पैमाने पर शराब व मादक पदार्थों के कारोबारी के साथ नशा का सेवन करने वाले पुलिस व उत्पाद विभाग द्वारा पकड़े जा रहे हैं. विगत कुछ दिनों में पुलिस द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर कई जगहों पर छापेमारी में गयी. जिसमें बड़ी मात्रा में नेपाल तथा अन्य राज्यों से लाये गये शराबों की बरामदगी हुई. साथ ही शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों की गिरफ्तारी भी हुई. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर शराब आती कहां से है? आखिर शराब के हो रहे इस कारोबार के लिये कौन जिम्मेवार है, यह एक यक्ष प्रश्न है. जिसकी जबावदेही किसी न किसी को तो लेनी ही पड़ेगी.

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