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नेपाल व बंगाल बना शराबियों का ठिकाना

तैयारी. चढ़ चुकी है नये साल की खुमारी विशेष तौर पर नया साल का जश्न युवाओं के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है. नये साल के मौके पर जश्न की तैयारी जोरों पर है. सबको बेहतर पिकनिक स्पॉट की तलाश है. सुपौल : नया साल दस्तक देने वाला है और लोगों में इसकी खुमारी […]

तैयारी. चढ़ चुकी है नये साल की खुमारी
विशेष तौर पर नया साल का जश्न युवाओं के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है. नये साल के मौके पर जश्न की तैयारी जोरों पर है. सबको बेहतर पिकनिक स्पॉट की तलाश है.
सुपौल : नया साल दस्तक देने वाला है और लोगों में इसकी खुमारी भी चढ़ चुकी है. नये साल के मौके पर जश्न की तैयारी जोरों पर है. कोई घर में ही नया साल मनाने की तैयारी में है, तो किसी को बेहतर पिकनिक स्पॉट की तलाश है. विशेष तौर पर नया साल का जश्न युवाओं के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है.
सामान्य तौर पर बीते वर्ष तक युवा वर्ग की इसी फौज का बड़ा हिस्सा एक जनवरी के मौके पर लाखों रुपये के शराब गटक जाता था, लेकिन शराबबंदी है, तो जुगाड़ मुश्किल हो रहा है. इसके अलावा पुलिस की पकड़ में आने का भी खतरा है. यही कारण है कि शराब के शौकीन नये साल का जश्न नेपाल और बंगाल में मनाने की तैयारी में है. इसके लिए बजावता होटलों में बुकिंग भी कर ली गयी है.
बदला-बदला सा रहेगा शराह का नजारा
नये साल के जश्न के लिए रइसजादे अलकोहोलिक जोन में जाने की सभी तैयारी पूरी कर चुके हैं, लेकिन सामान्य लोगों का नया साल अपने घर अथवा नजदीक के किसी पिकनिक स्पॉट पर ही मनेगा.
वही शराबबंदी के बाद से यह पहला नववर्ष होगा. जाहिर है माहौल की दृष्टि से जश्न बिलकुल नये अंदाज में होगा. हालांकि जश्न के मद्देनजर बढ़ते डिमांड को देखते हुए शराब तस्करों का गिरोह एक बार फिर सक्रिय हो गया है. इसके तहत पर्याप्त संख्या में शराब का ऑर्डर भी कर दिया गया है. सूत्रों की मानें तो छोटे-छोटे किश्तों में शराब की खेप जिले में प्रवेश भी करने लगी है. जो मूल रूप से जिले के कुनौली, वीरपुर सहित पड़ोसी राज्य बंगाल से टपाया जा रहा है. हालांकि शराब का स्टॉक शहर के बाहर ही किया जा रहा है. इसको लेकर शराब तस्कर भी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं. जबकि पुलिस भी आशय को लेकर सतर्क है और पूर्ण शराबबंदी सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है.
नववर्ष का मौका मस्ती का होता है. मौके पर नाच-गाना का भी विशेष महत्व है. लेकिन शराब के शौकिनों की परेशानी यह है कि बिना शराब का सेवन किये गानों पर थिरकना मुश्किल हो जाता है.
यही कारण है कि नये साल के जश्न के लिए उन होटलों को विशेष तौर पर चुना गया है, जहां शराब के साथ नाच-गान की भी व्यवस्था हो. नेपाल के रानी, धरान, इटहरी, विराटनगर सहित बंगाल का सिलीगुड़ी, दार्जलिंग व गंगटोक लोगों की पहली पसंद बन रहा है. यह तैयारी इसलिए की जा रही है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से चोरी-छिपे भी शराब का सेवन सुरक्षित नहीं रह गया है. जबकि नेपाल और बंगाल में बेरोक-टोक शराब का सेवन कर नये साल के जश्न को उसी पुराने अंदाज में मनाया जा सकता है. हालांकि बुकिंग केवल रइसजादों द्वारा करायी गयी है. नोटबंदी के कारण आम लोगों के पास अभी भी पर्याप्त राशि का जुटान नहीं हो पा रहा है. जिसके कारण उनके लिए नये साल का जश्न कुछ फीका हो सकता है.
बिहारी के होटलों में उपलब्ध है विशेष पैकेज
बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन शराब के शौकीनों की तादाद कम नहीं हुई है. हालांकि कानून की मजबूरी है कि जो शराब का सेवन कर भी रहे हैं उन्हें भी अपना मुंह छिपाना पड़ रहा है. ऐसे में शराब के बिना नये साल का जश्न फीका न पड़े, इसके लिए विशेष तैयारी हो रही है. इसके तहत कॉकटेल पार्टी और शानदार महफील में रंगारंग कार्यक्रम के बीच जश्न मनाने को लेकर तैयारी जोरों पर है. 31 दिसंबर की रात से एक जनवरी की रात तक गीत-संगीत व नृत्य कार्यक्रम की बुकिंग है.
विशेष यह है कि नेपाल और बंगाल के इन होटलों में बिहारियों के होटल को स्थानीय लोग विशेष तरजीह दे रहे हैं. ऐसे होटल संचालकों द्वारा भी बिहारियों के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था है. स्थानीय लोगों की मानें तो वे भले ही रोजाना शराब का सेवन नहीं करते हैं. लेकिन नये साल के मौके पर बिना शराब के जश्न अधूरा होगा. यही कारण है कि नेपाल और बंगाल में होटल बुकिंग करायी गयी है.

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