अनदेखी. दस माह से सेविका व सहायिका को नहीं मिला मानदेय
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आर्थिक तंगी की वजह से परेशानी
अनदेखी. दस माह से सेविका व सहायिका को नहीं मिला मानदेय आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को विगत 10 माह से सरकार द्वारा मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. इसके कारण हजारों आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका आर्थिक तंगी की परेशानी झेलने को विवश हैं. सुपौल : जिले के करीब डेढ़ हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों […]
आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को विगत 10 माह से सरकार द्वारा मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. इसके कारण हजारों आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका आर्थिक तंगी की परेशानी झेलने को विवश हैं.
सुपौल : जिले के करीब डेढ़ हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को विगत 10 माह से सरकार द्वारा मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. जिसके कारण हजारों आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका आर्थिक तंगी की परेशानी झेलने को विवश हैं. आलम यह है कि सेविका एवं सहायिका को दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ व मुहर्रम जैसे त्योहारों के मौके पर भी मानदेय की राशि नहीं दी गयी. जिसके कारण उनके त्योहार फीके पर गये एवं राशि की कमी में पर्व के अवसर पर आर्थिक जिल्लत झेलनी पड़ी. मानदेय का भुगतान नहीं होने से सेविका व सहायिकाओं में असंतोष का माहौल व्याप्त है.
बिहार राज्य सेविका-सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष सोनी कुमारी ने जिला पदाधिकारी को पत्र लिख कर सेविका व सहायिका के समस्याओं के निदान की मांग की है.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि राशि का भुगतान नहीं किया गया है. जिससे सेविका व सहायिका की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. बताया कि परियोजना कार्यालय से इस संबंध में पूछने पर बताया जाता है कि मानदेय की राशि सेविका व सहायिका के खाते में सीधे पटना से भेजा जायेगा. उन्होंने कहा है कि अन्न प्राशन दिवस एवं सेविका-सहायिका की पोषाक राशि भी चार महीनों से नहीं दी जा रही है. मानदेय का भुगतान नहीं होने के कारण सेविका व सहायिकाओं को काफी दिकक्ततों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है िफर सरकार इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है. मानदेय को लेकर अधिकारियों से पूछने पर सिर्फ आश्वासन दिया जाता है. इसके अलावा कुछ नहींन हीं किया जा रहा है.सुपौल जिला के मरौना प्रखंड सहित अन्य कई स्थानों पर आंगनबाड़ी केंद्र के भाड़े की राशि भी सेविका को भुगतान नहीं किया गया है.
मजबूरन मकान मालिक को सेविका द्वारा अपने स्तर से भाड़े की राशि का भुगतान किया जाता है. लेकिन लंबे समय से मानदेय नहीं मिलने की वजह से अब सेविकाओं को भाड़े की राशि भुगतान करना भी संभव नहीं हो पा रहा है. वहीं पोषाहार राशि ससमय नहीं मिलने से लाभुकों का आक्रोश बेवजह सेविकाओं को भुगतना पड़ता है. संघ की प्रदेश अध्यक्ष ने जिलाधिकारी से इस दिशा में तत्काल पहल कर समस्या के निदान करने की मांग की है.
खास बातें
चार महीनों से अन्नप्राशन व पोषाक राशि का नहीं हुआ भुगतान
विभागीय उदासीनता के कारण अपनी जेब से मकान भाड़ा चुका रहीं सेविका
मकान का किराया सेविका अपने स्तर से कर रही हैं भुगतान
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