छातापुर : प्रशासनिक कवायद के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के जन वितरण प्रणाली विक्रेता अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहे हैं. आवंटन के बावजूद लगातार छ: माह तक उपभोक्ताओं को अनाज नहीं देने तथा केरोसिन मात्र दो लीटर ही देने की शिकायतों की झड़ी लगी रहती है.जिन उपभोक्ताओं को अनाज व केरोसिन मिलता भी है […]
छातापुर : प्रशासनिक कवायद के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के जन वितरण प्रणाली विक्रेता अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहे हैं. आवंटन के बावजूद लगातार छ: माह तक उपभोक्ताओं को अनाज नहीं देने तथा केरोसिन मात्र दो लीटर ही देने की शिकायतों की झड़ी लगी रहती है.जिन उपभोक्ताओं को अनाज व केरोसिन मिलता भी है उन्हें सरकारी दर से अधिक मूल्य चुकाना पड़ता है.घटतौल तो अब आम बात है और सर्व विदित है.
ऐसा नहीं है कि डीलरों के विरुद्ध समूह में शिकायत लेकर उपभोक्ता प्रखंड कार्यालय से लेकर डीएम सुपौल तक नहीं पहुंचते.लेकिन उपर से नीचे तक मैनेजिंग सिस्टम का बोलवाला रहा है.नतीजतन डीलरों का कुछ बिगड़ता नहीं और हकमारी का शिकार गरीब उपभोक्ताओं को होना पड़ता है.विडंबना यह है कि डीलरों के इस निराले खेल की जानकारी सरकारी मुलाजिमों को नहीं है
.जिनके द्वारा शिकायत मिलने पर कार्रवाई की भी बात कही जाती है.लेकिन जब सबूतों के आधार पर शिकायत भी होती है तो कार्रवाई की कौन कहे, दोषी डीलरों से स्पष्टीकरण पूछने से भी परहेज बरता जाता है.
जांच के बाबजूद न कार्रवाई हुई,ना ही अनाज मिल रहा : ताजा मामला मंगलवार को प्रखंड कार्यालय स्थित बीडीओ के वेश्म में सामने आया.जब पीड़ित उपभोक्ता कार्यालय को एक माह पूर्व दिए गये आवेदन बीडीओ को दिखा रहा था.आवेदन देखते ही बीडीओ ने मामला राशन केरोसिन से जुड़े रहने की बात कहकर आपूर्ति पदाधिकारी से मिलने को कहा. निराश होकर वेश्म से बाहर निकले पीड़ित अब्दुल वहाव, मो इरफान, मो जैनुद्दीन आदि ने जो बात बतायी वे काफी हैरान करने वाला था.
उपभोक्ताओं ने बताया कि सोहटा पंचायत वार्ड नंबर चार के डीलर उर्मिला देवी पति दिलीप दास बीते छ: माह से खाद्यान नहीं दे रहे हैं.जब भी उनसे कारण पूछा जाता है तो वे आवंटन नही मिलने की बात कहते हैं. अधिकार की बात करने पर डीलर व उनके पति श्री दास दबंगता दिखाते हुए कुछ भी नहीं बिगाड़ सकने की धमकी देते मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं.
बताया कि इस मामले को लेकर नौ अगस्त 2016 को दर्जनों उपभोक्ताओं के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन एसडीओ त्रिवेणीगंज को दिया गया.आवेदन में उपभोक्ताओं का राशन कार्ड भी संलग्न है. जिस पर स्थानिय मुखिया ने भी लिखित रूप से अपनी सहमति प्रदान की है. आवेदन की प्रतिलिपी बीएसओ छातापुर, बीडीओ व डीएम के अलावे राज्य सरकार के विभागीय मंत्री को पटना भेजा गया.बावजूद इसके अबतक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही हुई और डीलर अपने मनमानी पर कायम है.
प्रदीप अध्यक्ष, लक्ष्मण व मदन को मिला सचिव पद