सुपौल : रविवार का दिन सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड वासियों के लिए खास था.छोटे सरकार के आगमन को लेकर अहले सुबह से ही लोग टकटकी लगाये हुए थे. प्रशासनिक पदाधिकारी एवं पुलिस बलों के जवान जहां अपने कर्तव्य पर मुस्तैद दिखे वहीं उप मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार जिले के दौरे पर आ रहे बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की एक झलक पाने के लिए आम लोग बेताब थे. हालांकि लोगों को इसमें कामयाबी हासिल नहीं हो पायी.
क्योंकि सरकारी दौरा रहने के कारण उप मुख्यमंत्री ने आम लोगों से मुलाकात नहीं किया. नतीजतन ऐसे लोगों के चेहरे पर आक्रोश स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा था.हालांकि मीडिया कर्मियों से बातचीत के बाद उप मुख्यमंत्री कुछ देर के लिए कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए और उनकी समस्याओं को सुन कर निदान का आश्वासन दिया.
िदया गया गार्ड आॅफ ऑनर
भपटियाही स्थित बिहारी गुरमैता उच्च विद्यालय परिसर में बने हेलीपैड पर उतरने के बाद उप मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद वे सड़क मार्ग से कोसी महासेतु की ओर रवाना हो गये. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उप मुख्यमंत्री श्री यादव को महासेतु पर जाना था लेकिन वे गाइड बांध को देखने निकल गये.
विस्थापित परिवारों ने किया एनएच जाम
छोटे सरकार से मिल कर अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए रविवार को काफी संख्या में बाढ़ व कोसी नदी के कटाव से विस्थापित हुए लोग महासेतु के समीप पहुंचे थे. जैसे ही उन लोगों को उप मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर के लैंडिंग की सूचना मिली सभी विस्थापित परिवार एनएच पर जमा हो गये, लेकिन उप मुख्यमंत्री के वाहनों का काफिला महासेतु पर नहीं जा कर गाइड बांध की ओर मुड़ गया इसके बाद विस्थापित परिवारों के धैर्य का बांध टूट गया.आक्रोशित सैकड़ों महिला व पुरुषों ने महासेतु के समीप एनएच 57 को जाम कर प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया.जाम के कारण महासेतु के समीप वाहनों की लंबी कतार लग गयी. इसमें कई लंबी दूरी की वाहन भी शामिल थी.जिस पर सवार यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. प्रदर्शन में शामिल विस्थापित परिवारों ने बताया कि वे लोग बौराहा पंचायत के अड़राहा गांव के मूल निवासी हैं. कोसी नदी के कटाव से विस्थापित होने के बाद उन लोगों ने बांध के किनारे शरण लिया है. लेकिन समस्या यह है कि आवागमन के लिए सड़क नहीं रहने के कारण उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बताया कि गांव बसने के बावजूद मूलभूत सुविधाओं का वहां घोर अभाव है. न तो बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय है और न ही स्वच्छ पेयजल, सड़क व बिजली की ही सुविधा उपलब्ध है. बताया कि इन्हीं समस्याओं से अवगत कराने के लिए वे लोग उप मुख्यमंत्री का इंतजार कर रहे थे. करीब एक घंटे बाद विस्थापित परिवारों ने जाम को समाप्त कर दिया.