कोसी नदी के कटाव से दर्जनों परिवार विस्थापित हो कर यत्र-तत्र शरण लिए हुए हैं.
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तटबंध के भीतर बसे गांवों में त्राहिमाम
कोसी नदी के कटाव से दर्जनों परिवार विस्थापित हो कर यत्र-तत्र शरण लिए हुए हैं. सुपौल : कोसी नदी के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के बाद तटबंध के भीतर बसे गांवों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है. कोसी नदी के कटाव से जहां दर्जनों परिवार विस्थापित हो कर यत्र-तत्र शरण लिये हुए हैं. […]
सुपौल : कोसी नदी के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के बाद तटबंध के भीतर बसे गांवों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है. कोसी नदी के कटाव से जहां दर्जनों परिवार विस्थापित हो कर यत्र-तत्र शरण लिये हुए हैं. वहीं कई गांवों में बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश कर जाने के बाद स्थिति और भी भयावह हो गयी है.
रविवार को सदर प्रखंड के बलवा पंचायत स्थित विभिन्न वार्डों का दौरा कर लौटे विगत चुनाव के मुखिया प्रत्याशी संतोष यादव ने बताया कि तटबंध के भीतर बसे गांवों की स्थिति काफी भयावह बनी हुई है.उन्होंने बाढ़ व कटाव पीड़ितों के लिए सरकारी स्तर पर राहत व नाव की व्यवस्था को नाकाफी बताते हुए कहा कि प्रशासन को सबसे पहला काम लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का करना चाहिए.
उन्होंने बताया कि बलवा पंचायत के नरहैया गांव स्थित वार्ड नंबर 11 में जारी कोसी नदी के तेज कटाव की वजह से दर्जनों परिवार विस्थापित हो चुके हैं.जबकि दर्जनों परिवारों के ऊपर विस्थापन की तलवार लटक रही है. इसी प्रकार पंचायत के सोकेला गांव स्थित वार्ड नंबर 01,02,03 बलवा गांव के वार्ड नंबर 06 एवं 07 के लोग बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं.बताया कि इन वार्डों में बसे सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है.
बताया कि भोजन पकाने के लिए सूखे जगह के अभाव में लोग भूखे रह रहे हैं.वहीं घरों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण घर के भीतर रखा सारा अनाज भींग जाने की वजह से बेकार हो गया है.बताया कि प्रशासन द्वारा पंचायत क्षेत्र में उपलब्ध कराये गये नाव की क्षमता काफी कम है.इस वजह से भी लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.श्री यादव ने जिला प्रशासन से अविलंब बलवा पंचायत के सभी वार्डों में राहत सामग्री उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है. सरायगढ़ प्रतिनिधि के अनुसार.
बाढ़ की वजह से प्रखंड के बनैनियां, बलथरवा, ढ़ोली, कटैया, भूलिया, सियानी, गिरधारी, कोढ़ली, लोकहा, तकिया, करहरी, कबियाही, उग्रीपट्टी, बहुअरवा, सिंहपुर आदि दर्जनों गांव में तीन से चार फीट प्रवेश कर चुका है. जिससे लोगों को खाना, पेयजल, पशुओं का चारा आदि की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
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