सुपौल : सरकार व विभागीय आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए शिक्षकों को गलत तरीके से गैर शैक्षणिक कार्य में प्रतिनियुक्त करने तथा बिना विद्यालय में योगदान किये शिक्षिका द्वारा कई महीनों तक वेतन का लाभ लेने के मामले में बुधवार को क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक सहरसा के कार्यालय में सुनवाई हुई. शिकायतकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह व बीइओ नरेंद्र झा द्वारा कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा गया.
जानकारी के अनुसार सुनवाई के बाद बीइओ को इस मामले में दोषी करार दिया गया. अब उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को लिखने का निर्णय लिया गया है. कोसी प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक प्रभाकर सिंह ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह द्वारा प्राप्त शिकायत के बाद इस मामले की सुनवाई के लिए बीइओ व परिवादी को बुधवार को कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान बीइओ द्वारा अपना पक्ष रखा गया तथा अपनी गलती स्वीकार की गयी. जिसके बाद उन्हें दोषी पाया गया.
आरडीडीइ ने बताया कि दोषी पाये गये बीइओ के विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले में शिक्षिका सुलेखा झा तथा निकासी व व्ययन पदाधिकारी सह प्रधानाध्यापक आदर्श मध्य विद्यालय को भी कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेजा जायेगा. गौरतलब है कि सदर बीइओ द्वारा गलत तरीके से अपने कार्यालय में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति गैर शैक्षणिक कार्य में की गयी थी. वहीं मध्य विद्यालय धोरे कटैया में पदस्थापित शिक्षिका सुलेखा झा को बिना विद्यालय में योगदान किये ही कई माह तक अवैध तरीके से वेतन का लाभ दिया गया. सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह द्वारा इस मामले की लिखित रूप से शिकायत आरडीडीइ व अन्य विभागीय अधिकारियों से की गयी थी. आरडीडीइ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बीइओ को सुनवाई के लिए तलब किया गया था.