सुपौल : मुख्यालय स्थित जिला प्राथमिक शिक्षक संघ कार्यालय परिसर में गुरुवार को संघ के जिला स्तरीय पदाधिकारियों की एक बैठक संपन्न हुई. अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संघ के उप प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों को ससमय बिना वेतन उपलब्ध कराये गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की कल्पना करना बेमानी है. कहा कि बीते छह माह से बैठक में इस प्रकार की समस्या पर चर्चा होती रही है.
लेकिन इस दिशा में अब तक समुचित फलाफल प्राप्त नहीं हो रहा है. बैठक को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं ने कहा कि जिला शिक्षा कार्यालय इन दिनों लूट खसोट का अड्डा बना हुआ है. वक्ताओं ने एक उदाहरण गिनाते हुए बताया कि जिस प्रकार आप बिना राशि चुकाने दुकानों से सामग्री की खरीदारी नहीं कर सकते. इसी प्रकार कार्यालय में बिना चढ़ावा के कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. ससमय कार्य पूर्ण करने के बाद भी शिक्षकों को सम्मान नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि विभाग द्वारा अनावश्यक रुप से वेतन रोका जा रहा है, स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है. और तो और बिना कोई कारण निराधार आरोप लगा कर कार्रवाई भी की जा रही है.
बैठक में नियोजित शिक्षकों के बकाया वेतन, नियमित एवं नियोजित शिक्षकों के प्रोन्नति, स्थानांतरण, नियम के विरुद्ध शिक्षकों का गैर शैक्षणिक कार्य में प्रतिनियोजन, बिना किसी कार्य के मूल विद्यालय से शिक्षकों को हटाकर बीआरपी व सीआरसीसी का कार्य कराने सहित अन्य मसलों पर सदस्यों ने विभागीय पदाधिकारियों के कार्यशैली पर एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. उक्त मसले पर अध्यक्ष श्री यादव ने विभागीय कार्यशैली पर तीखी आलोचना करते हुए संघ के उप प्रधान सचिव श्री सिंह के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम का गठन किया.
जिन्हें दायित्व सौंपा गया कि वे शिक्षकों की समस्याओं से विभागीय पदाधिकारी सहित जिला पदाधिकारी को अवगत कराते हुए एक समय सीमा के भीतर कार्य को निष्पादित करवाने का अनुरोध करेंगे. अन्यथा बाध्य होकर अपनी न्यायोचित मांगों के लिए शिक्षकों को अगला कदम उठाना पड़ेगा. बैठक में जिला प्रवक्ता संजय कुमार झा सहित गजेंद्र प्रसाद सिंह, रमण कुमार वर्मा, मदनेश्वर झा सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.