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मेले के लिए पहुंचने लगे व्यापारी

गणतंत्र दिवस के मौके पर होता है मेले का उद्घाटन गौरवशाली है इस मेले का इतिहास सुपौल : जिला मुख्यालय में विगत 65 वर्षों से लगने वाले ऐतिहासिक मेले की तैयारी जोर-शोर से प्रारंभ कर दी गयी है. राष्ट्रीय सार्वजनिक मेला के नाम से विख्यात इस मेले का उद्घाटन गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 […]

गणतंत्र दिवस के मौके पर होता है मेले का उद्घाटन

गौरवशाली है इस मेले का इतिहास
सुपौल : जिला मुख्यालय में विगत 65 वर्षों से लगने वाले ऐतिहासिक मेले की तैयारी जोर-शोर से प्रारंभ कर दी गयी है. राष्ट्रीय सार्वजनिक मेला के नाम से विख्यात इस मेले का उद्घाटन गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को किया जायेगा. मेले में शिरकत करने के लिए खेल-तमाशेवालों व व्यापारियों का आगमन करीब एक सप्ताह पूर्व से ही शुरू हो गया है. व्यवसायियों द्वारा मेला ग्राउंड में युद्ध स्तर पर बांस-बल्ले व तंबू लगाये जा रहे हैं. एक माह तक लगने वाले इस मेले की व्यापक तैयारी की जा रही है. मेले में फिलवक्त मीना बाजार, विभिन्न प्रकार के झूले वालों व अन्य का आगमन हो चुका है.
मेला समिति व संवेदक द्वारा उन्हें सभी तरह की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. पूरे देश में शायद यह एक मात्र मेला है, जिसका आयोजन गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व के मौके पर किया जाता है.
गौरवशाली है मेले का इतिहास
जिला मुख्यालय के उत्तरी छोर पर आयोजित इस मेले का गौरवशाली इतिहास रहा है. सामाजिक व सांस्कृतिक जुड़ाव, व्यापार की उन्नति, परस्पर सहयोग, राष्ट्रीय भावना की अभिवृद्धि व सार्वजनिक संस्थाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से इस मेले की स्थापना सन् 1951 में की गयी थी.
तत्कालीन दंडाधिकारी ओंकार नाथ की पहल एवं प्रबुद्ध नागरिकों के सहयोग से इस मेले का हर वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजन का निर्णय लिया गया. सर्वप्रथम यह मेला विलियम्स स्कूल मैदान में लगाया गया, जो बाद के कई वर्ष तक आइटीआइ के समीप सरकारी व किसानों की जमीन पर लगता रहा. 1959 से 1963 के बीच तत्कालीन मेला सचिव डॉ सुधीर कुमार मुखर्जी व गणपत शरण सिंह के कार्यकाल में भूस्वामियों के सहयोग से मेला के लिए अपनी जमीन उपलब्ध करायी गयी. तब से यह मेला अपनी जमीन पर ही लग रहा है.
एक महीने तक लगता है पशु मेला
गणतंत्र दिवस के मौके पर एक महीने तक लगने वाले इस मेले के दौरान पशु मेला का भी आयोजन किया जाता है. गौरतलब है कि मेला कमेटी द्वारा मेला परिसर में सालों भर प्रत्येक सोमवार को पशु हाट का आयोजन किया जाता है. यह हाट मेले के दौरान नित दिन लगता है. इसमें दूर-दराज के पशु व्यापारी व किसान गाय, बैल, भैंस आदि की खरीद बिक्री करते हैं. मेला संवेदक हंसराज यादव ने बताया कि मेला व पशु हाट में बिजली, पानी, सुरक्षा आदि की नि:शुल्क सुविधा दी जाती है.

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