समीक्षा बैठक में खुली कार्यक्रम की पोल फोटो-02,कैप्सन- बैठक को संबोधित करते अंचलाधिकारी. दो माह बाद भी नहीं कराया गया ग्रामीण स्तरीय समिति का गठनयूनीसेफ के सहयोग से घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ सुपौल द्वारा किया जाना था आपदा समिति का गठनजिम्मेवार संचालक की निष्क्रियता के कारण सरकारी योजनाओं पर उठ रहे सवालकर्मियों ने ठहराया आयोजनकर्ता को जिम्मेदारप्रशिक्षण के बाद प्रतिभागियों को स्वराज विकास संघ द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गयी मार्गदर्शिकाप्रतिनिधि, छातापुरप्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभागार में समुदाय आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण व विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम सुपौल के तत्वावधान में बाल सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर समीक्षा बैठक हुई. प्रखंड प्रमुख जहूर आलम, बीडीओ मो परवेज आलम, अंचलाधिकारी लाला प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, बीआरसी के प्रतिनिधि श्याम कुमार सुमन, साक्षरता मिशन की केआरपी पूनम पाठक सहित सरकारी पदाधिकारी व कर्मियों के साथ हुई बैठक में समीक्षा के दौरान कार्यक्रम की पोल खुल गयी. यूनिसेफ के सहयोग से घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ के परियोजना सहजकर्ता श्रवण कुमार व रमेंद्र कुमार द्वारा अक्टूबर माह में सरकारी कर्मियों को प्रशिक्षण दिये जाने के बाद ग्रामीण स्तर पर आपदा समिति का गठन करने को कहा गया था. समीक्षा के दौरान पाया गया कि दो माह बीत जाने के बावजूद एक भी गांव में समिति का गठन नहीं कराया गया है. साथ ही न ही सरकार के इस उद्देश्य की पूर्ति को लेकर कर्मी गंभीर हैं. हालांकि कर्मियों ने इसके लिए कार्यक्रम के आयोजनकर्ता को जिम्मेदार ठहराया है. कहा कि घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ द्वारा प्रशिक्षण तो दिया गया, लेकिन उनके द्वारा कर्मियों को न तो मार्गदर्शिका उपलब्ध करायी गयी और न ही कार्य करने के लिए किसी प्रकार की प्रशिक्षण सामग्री ही उपलब्ध करायी गयी. यहां तक कि उक्त कार्यक्रम को संचालित कराये जाने को लेकर किसी भी प्रकार का पत्र ही कर्मियों को हस्तगत कराये गये हैं. कर्मियों द्वारा उठाये गये सवालों से उलझने के बाद आयोजनकर्ता अपना बचाव करते हुए स्वयं को दोषी मानते हुए शीघ्र ही आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिये. अंचलाधिकारी श्री श्रीवास्तव ने कर्मियों के समक्ष कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते कहा कि किसी भी प्रकार के आपदा व जोखिम से निबटने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न स्रोतों से आम जनों को जागरूक कर आत्मनिर्भर बनाये जाने प्रयास किया जा रहा है. प्राकृतिक आपदा को रोकना असंभव है, लेकिन उससे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है. इसके लिए प्रत्येक पंचायत के सभी गांवों में ग्राम आपदा समिति के गठन पर बल दिया जाना जरूरी है. बीडीओ श्री आलम ने बैठक के दौरान जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान, पौधारोपण के महत्व तथा खेतों मे वर्मी कंपोस्ट के प्रयोग के बारे में जानकारी दी. साथ ही आमजनों को जागरूक किये जाने को लेकर संबंधित कर्मियों को जिम्मेवारी का एहसास कराया.
समीक्षा बैठक में खुली कार्यक्रम की पोल
समीक्षा बैठक में खुली कार्यक्रम की पोल फोटो-02,कैप्सन- बैठक को संबोधित करते अंचलाधिकारी. दो माह बाद भी नहीं कराया गया ग्रामीण स्तरीय समिति का गठनयूनीसेफ के सहयोग से घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ सुपौल द्वारा किया जाना था आपदा समिति का गठनजिम्मेवार संचालक की निष्क्रियता के कारण सरकारी योजनाओं पर उठ रहे सवालकर्मियों ने ठहराया […]
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